भारतीय फिल्म निर्माता अनुपर्णा रॉय ने 82वें वेनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में अपनी फिल्म सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज के लिए ओरिजोटी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया।
वह इस श्रेणी में यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता हैं। यह श्रेणी सिनेमा के नए रुझानों, नए कलाकारों, युवा प्रतिभाओं और स्वतंत्र फिल्मों पर केंद्रित है। यह फिल्म प्रतियोगिता के लिए चुनी गई एकमात्र भारतीय प्रविष्टि भी थी।
पुरस्कार की घोषणा फ्रांसीसी फिल्म निर्माता जूलिया डुकोर्नौ ने की जो ओरिजोंटी जूरी की प्रमुख थीं। सफेद साड़ी पहने रॉय ने मंच पर पुरस्कार स्वीकार किया। इस पल को 'अविश्वसनीय' बताते हुए उन्होंने जूरी, अपने कलाकारों और क्रू को धन्यवाद दिया।
रॉय ने कहा कि मैं अनुराग कश्यप, अपने निर्माताओं, कलाकारों, क्रू और उन सभी का धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने एक ऐसी फिल्म का साथ दिया जो आसान दायरे में नहीं आती थी। मेरे गृहनगर, मेरे देश में मौजूद हर एक व्यक्ति को मैं यह पुरस्कार समर्पित करना चाहती हूं।
उन्होंने अपने सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं सेल्युलॉइड फिल्म्स को फिल्म में विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं अपने डीओपी, 80 वर्षीय गफ्फार देबजीत बनर्जी का भी धन्यवाद करना चाहती हूं... आप सभी अद्भुत थे।
मंच पर रॉय ने वैश्विक चिंताओं को संबोधित किया और फिलिस्तीन में चल रहे मानवीय संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चा शांति, स्वतंत्रता और मुक्ति का हकदार है और फिलिस्तीन कोई अपवाद नहीं है। भले ही इससे मेरे देश को ठेस पहुंचे, मुझे यही कहना होगा।"
'सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज' मुंबई में दो प्रवासी महिलाओं, नाज शेख द्वारा अभिनीत थूया और सुमी बघेल द्वारा अभिनीत श्वेता की कहानी पर आधारित है। रॉय ने इस कहानी को बेहद निजी बताया है, जो शहरी जीवन, दोस्ती और प्रतिरोध से जूझती महिलाओं की उनकी यादों और अवलोकनों से प्रेरित है। इस फिल्म का निर्माण बिभांशु राय, रोमिल मोदी और रंजन सिंह ने किया है और फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने इसे प्रस्तुत किया है।
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