 आरती कोहली एशियन लॉ कॉकस (एएलसी) की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं।  / Credit- LinkedIn
                                आरती कोहली एशियन लॉ कॉकस (एएलसी) की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं।  / Credit- LinkedIn
            
                      
               
             
            अमेरिका में नवजात शिशुओं के जन्मसिद्ध नागरिकता का अधिकार खत्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को अदालत में चुनौती दी गई है। इस चुनौती देने वालों में एशियन लॉ कॉकस (एएलसी) की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आरती कोहली प्रमुख हैं।
कोहली का कहना है कि अगर कोई बच्चा अमेरिका की धरती पर जन्म लेता है तो वह अमेरिकी नागरिक है। इस बात पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। कोई भी नेता यहां तक कि राष्ट्रपति ट्रम्प भी यह तय नहीं कर सकते को कौन अमेरिकी है और कौन नहीं।
आरती कोहली ने अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू), स्टेट डेमोक्रेसी डिफेंडर्स फंड (एसडीडीएफ) और अन्य नागरिक अधिकार संगठनों के साथ मिलकर न्यू हैंपशायर में ट्रम्प के आदेश को चुनौती दी है। याचिका में आदेश को असंवैधानिक और अमेरिकी मूल्यों को कमजोर करने वाला बताया गया है।
एएलसी अमेरिका में कम आय वाले एशियाई प्रशांत अमेरिकी समुदायों और अन्य लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाला नागरिक अधिकार संगठन है। आवास, श्रम, नागरिक अधिकार और आव्रजन सुधारों की वकालत करना एएलसी का मिशन है। आरती कोहली कई वर्षों से अप्रवासी अधिकारों की आवाज बनकर उनकी पैरोकारी करती रही हैं।
आरती कोहली ने जन्मसिद्ध नागरिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह दशकों के भेदभाव का सामना कर रहे एशियाई अमेरिकी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने भी चीनी मूल के अमेरिकी वोंग किम आर्क के 1898 में ऐतिहासिक मुकदमे में फैसला दिया था कि अप्रवासी माता-पिता के अमेरिका में पैदा हुआ बच्चा नागरिकता का हकदार है। वोंग किम आर्क की विरासत आज भी अप्रवासी माता-पिता से पैदा हुए हर बच्चे में जिंदा है।
एसीएलयू और एएलसी समेत कई संगठनों के गठबंधन की तरफ से दाखिल याचिका में ट्रम्प के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह संविधान के 14वें संशोधन के खिलाफ है जो अमेरिका में जन्मे व्यक्ति को नागरिकता की गारंटी देता है। यह एक सदी से भी अधिक समय से जारी कानूनी परंपरा का उल्लंघन करता है। इस आदेश का सबसे बुरा असर अमेरिकी धरती पर पैदा होने वाले अप्रवासियों के बच्चों पर पड़ेगा।
एसीएलयू में आप्रवासी अधिकार प्रोजेक्ट की उप निदेशक और इस मामले में प्रमुख वकील कोडी वोफ्सी ने कहा कि अमेरिकी संविधान जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। यह अमेरिका के मूल में है। अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता से वंचित करना एक क्रूर और अवैध कार्य है जो अमेरिकी लोकतंत्र की नींव को कमजोर करेगा।
ट्रम्प द्वारा शपथ लेने के तुरंत बाद जारी आदेश ने आप्रवासी परिवारों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। अपनी शरण संबंधी याचिका पर फैसले की प्रतीक्षा कर रहे अप्रवासी पैरेंट्स को डर है कि उनके पैदा होने वाले बच्चों को नागरिकता से वंचित किया जा सकता है। इससे उन्हें स्वास्थ्य देखभाल जैसी आवश्यक सेवाएं नहीं मिल पाएंगी और बड़े होने पर उनके मूल अधिकार भी प्रभावित होंगे।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login