हम चार्ली किर्क को गहरी श्रद्धा और व्यक्तिगत दुख के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। चार्ली यानी एक दूरदर्शी रणनीतिकार, एक पीढ़ीगत आवाज और एक मित्र। उनके आकस्मिक दुखद निधन ने न केवल रूढ़िवादी आंदोलन में बल्कि उन लोगों के दिलों में भी एक शून्य छोड़ दिया है जो उन्हें जानते थे, उनके साथ काम करते थे और उनके दृढ़ विश्वास की ज्वाला को प्रत्यक्ष रूप से देखते थे।
चार्ली केवल टर्निंग पॉइंट यूएसए के संस्थापक ही नहीं थे वे युवाओं के नेतृत्व वाले रूढ़िवादी पुनर्जागरण के निर्माता थे। 3,500 परिसरों में 2,50,000 से अधिक छात्र सदस्यों के साथ उन्होंने राजनीतिक जुड़ाव को एक सांस्कृतिक शक्ति में बदल दिया। उनकी डिजिटल मौजूदगी आश्चर्यजनक थी। X पर 5.2 मिलियन फॉलोअर्स, इंस्टाग्राम पर 6.9 मिलियन और यूट्यूब पर 3.8 मिलियन सब्सक्राइबर। उनका पॉडकास्ट, द चार्ली किर्क शो, रेडियो और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर हर महीने लाखों लोगों तक पहुंचता था। अकेले 2024 में, उनके कंटेंट को 15 बिलियन से अधिक बार देखा गया। यह प्रभाव का एक ऐसा प्रतिध्वनि कक्ष है जिसने पारंपरिक मीडिया की सीमाओं से कहीं आगे सार्वजनिक विमर्श को आकार दिया।
मुझे चार्ली के साथ तथा उनके बहुत करीबी मित्र और सहयोगी सर्जियो गोर, जो अब भारत में अमेरिका के राजदूत होने को हैं, कुछ सफल परियोजनाओं पर काम करने का सौभाग्य मिला।
राष्ट्रपति डोनल्ड जे. ट्रम्प के एजेंडे में चार्ली का योगदान अथाह था। वह सिर्फ एक सहयोगी ही नहीं थे, वह एक भरोसेमंद और रणनीतिक आधारशिला थे। युवा लामबंदी के प्रयासों को आकार देने से लेकर महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर सलाह देने तक ट्रम्प युग को परिभाषित करने वाली कई जीतों पर उनकी छाप थी। युवा मतदाताओं को प्रेरित करने में उनकी भूमिका 2024 के चुनाव को सुरक्षित करने में, खासकर एरिजोना जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में, महत्वपूर्ण रही।
एक दुर्लभ और गंभीर भाव से, राष्ट्रपति ट्रम्प ने चार्ली की स्मृति का सम्मान करते हुए एक आधिकारिक घोषणा जारी की: चार्ली किर्क की स्मृति के सम्मान में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में मुझे प्रदत्त अधिकार द्वारा... मैं एतद्द्वारा आदेश देता हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका का ध्वज व्हाइट हाउस और सभी सार्वजनिक भवनों और मैदानों पर... पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके क्षेत्रों और अधिपत्य में, 14 सितंबर, 2025 को सूर्यास्त तक आधा झुका रहेगा।
यह निर्देश दुनिया भर के सभी अमेरिकी दूतावासों, वाणिज्य दूतावास कार्यालयों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर लागू है। यह उस व्यक्ति को वैश्विक सलामी है जिसका प्रभाव सीमाओं से परे था।
चार्ली ने वही किया जो उन्हें पसंद था। यानी छात्रों से बात करना, विचारों को चुनौती देना और अडिग संकल्प के साथ अपने विश्वासों की रक्षा करना। यूटा वैली विश्वविद्यालय में उनके अंतिम क्षण उनके मिशन के प्रतीक थे। विचारों को जगाना, साहस का संचार करना और विचारों की लड़ाई से कभी पीछे न हटना। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए हमें उनकी विरासत को भी आगे बढ़ाना चाहिए। आइए हम उनके द्वारा हमारे विश्वासों में लाई गई स्पष्टता, सार्वजनिक संवाद में उनके द्वारा प्रदर्शित साहस और जोश व सटीकता के साथ उनके द्वारा निर्मित आंदोलन का सम्मान करें।
चार्ली किर्क केवल एक प्रभावशाली व्यक्ति ही नहीं थे, वे आंदोलनों के निर्माता भी थे।
जैसे-जैसे इस देश में शोक में झंडे झुकते हैं, वैसे-वैसे चार्ली किर्क के अनुयायी भी अपना सिर झुकाते हैं। हार में नहीं, बल्कि श्रद्धा में। चार्ली किर्क की आवाज भले ही खामोश हो जाए, लेकिन उनकी गूंज बनी रहती है: हर उस छात्र में जो निडरता से बोलने का साहस करता है, हर उस रणनीतिकार में जो दृढ़ विश्वास के साथ निर्माण करता है, और हर उस नागरिक में जो मानता है कि विचार अभी भी मायने रखते हैं। उनकी विरासत सिर्फ सुर्खियों या हैशटैग तक सीमित नहीं है। यह आंदोलनों की संरचना में, साहस की लय में और उनके द्वारा शुरू किए गए काम को आगे बढ़ाने के पवित्र कर्तव्य में बसती है।
चार्ली का प्रकाश बुझ नहीं गया है... यह आगे बढ़ा है।
(अल मेसन न्यूयॉर्क स्थित एक भू-राजनीतिक रणनीतिकार और उद्यमी हैं। वे वैश्विक रियल एस्टेट, AI और औपचारिक कूटनीति पर सलाह देते हैं और विरासत निर्माण, भावनात्मक बुनियादी ढांचे और प्रतीकात्मक आउटरीच में विशेषज्ञता रखते हैं। संपर्क: masonal@rcn.com)
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login