राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। / Lalit K Jha
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अप्रत्याशित रूप से H-1B वीज़ा नीति पर नरम रुख अपनाकर अपने ही समर्थकों को चौंका दिया है। हाल ही में FOX News को दिए एक इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को “प्रतिभाशाली विदेशी पेशेवरों” की जरूरत है जो उन खास क्षेत्रों में काम कर सकें जहां उच्च कौशल की मांग है।
यह बयान ट्रम्प के उस पुराने रुख से अलग है, जिसमें वे कड़े इमिग्रेशन नियंत्रण के पक्ष में रहे हैं। 2025 में ट्रम्प प्रशासन ने H-1B वीज़ा आवेदन पर $100,000 की भारी फीस लगा दी थी, जिससे भारतीय समुदाय में नाराज़गी फैल गई थी — क्योंकि वर्तमान में करीब 70 प्रतिशत H-1B धारक भारतीय हैं।
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अब ट्रम्प ने स्वीकार किया कि कुछ तकनीकी क्षेत्रों में स्थानीय कामगारों को तुरंत प्रशिक्षित करना संभव नहीं। उन्होंने कहा, “हर किसी के पास खास प्रतिभा नहीं होती। आप बेरोजगार लाइन में खड़े किसी व्यक्ति से यह नहीं कह सकते कि जाओ और मिसाइल बनाओ।” ट्रम्प के इस नरम रुख के बाद होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने भी कहा कि अमेरिका वीज़ा प्रोग्रामों को जारी रखेगा, लेकिन सख्त जांच और सुरक्षा मानकों के साथ।
MAGA खेमे में नाराजगी
ट्रम्प के इस बयान ने उनके MAGA समर्थकों को भड़का दिया है। प्रमुख MAGA इन्फ्लुएंसर सवाना हर्नान्डेज़ ने X पर लिखा, “ट्रम्प को अपने ‘बबल’ से निकलकर उन अमेरिकियों की आवाज़ सुननी चाहिए जिन्होंने उन्हें चुना था।” एक अन्य समर्थक मैट मॉर्स ने इसे “Absolutely Unreal” कहा और ट्रम्प के सलाहकारों पर निशाना साधा, “अमेरिकी छात्रों और कामगारों के साथ पहले ही भेदभाव हुआ है, अब उन्हें सस्ते विदेशी श्रमिकों से बदला जा रहा है।”
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