अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अगस्त 2021 में काबुल हवाई अड्डे पर 13 अमेरिकी सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार ISIS आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे मुकदमे के लिए अमेरिका वापस लाया जा रहा है।
ट्रम्प ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, 'साढ़े तीन साल पहले, एबी गेट बम धमाके में ISIS के आतंकवादियों ने 13 अमेरिकी जवानों और अनगिनत दूसरे लोगों को मार डाला था।' उन्होंने आगे कहा, 'ऐसा नहीं है कि वे पीछे हट रहे थे, यह उनके पीछे हटने का तरीका था। शायद ये हमारे देश के इतिहास का सबसे शर्मनाक पल था।'
ट्रम्प ने कांग्रेस के सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, 'आज रात मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमने उस बेरहम हमले के लिए जिम्मेदार सबसे बड़े आतंकवादी को पकड़ लिया है। और वह अमेरिकी कानून के कठघरे में खड़ा होने के लिए यहां आ रहा है।'
राष्ट्रपति ने इसके लिए पाकिस्तान का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, मैं विशेष रूप से पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूं जिसने इस राक्षस को गिरफ्तार करने में मदद की। यह उन 13 परिवारों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन था, जिन्हें मैं वास्तव में बहुत अच्छे से जानता था, जिनमें से अधिकांश के बच्चे मारे गए थे। उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन अफगानिस्तान में 42 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।'
FBI के डायरेक्टर काश पटेल ने एक्स पर लिखा, 'जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अभी घोषणा की, मैं बता सकता हूं कि आज रात एफबीआई, डीओजे और सीआईए ने अफगानिस्तान से नाकाम वापसी के दौरान एबी गेट पर 13 अमेरिकी सैनिकों की हत्या के लिए कसूरवार आतंकवादियों में से एक को प्रत्यर्पित कर दिया है। इन अमेरिकी वीरों और उनके परिवारों के लिए कानून का राज कायम करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं।'
CNN के मुताबिक, मोहम्मद शरीफुल्लाह कथित तौर पर अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के दौरान हुए बम धमाके की योजना में शामिल था। उसे अमेरिका लाया जा रहा है। उस पर आतंकवाद को समर्थन देने और साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान ने सीआईए की खुफिया जानकारी पर कार्रवाई की। इसके बाद शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी हुई। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नए सीआईए डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने पाकिस्तानी खुफिया प्रमुख के साथ अपनी पहली फोन कॉल में ही ये मामला उठाया था। ये कॉल उनके कार्यभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद हुई थी।
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