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मैरी मिलबेन ने भारत के साथ दिखाई एकजुटता, कहा- आतंकवाद कभी नहीं जीतेगा

कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी गायिका और अभिनेत्री मैरी मिलबेन ने भारत के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि जब तक इंसानियत में एकता और साहस है, आतंकवाद कभी नहीं जीत सकता।

पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी गायिका और एक्ट्रेस मैरी मिलबेन। / Courtesy Photo

अमेरिकी गायिका और एक्ट्रेस मैरी मिलबेन ने कहा कि जब तक इंसानियत में एकता और जुझारूपन है, आतंकवाद नहीं जीत सकता। कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 सैलानियों की मौत के बाद उन्होंने भारत के साथ एकजुटता दिखाई। वह मुंबई में आयोजित होने वाले वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट (WAVES) समिट के बारे में बोल रही थीं।

मिलबेन ने कहा, 'आज के दौर में, जब हम दुनिया में आतंकवाद देखते हैं, तो इंसान होने के नाते हमारी मिली-जुली ताकत आतंकवाद की किसी भी हरकत से कहीं अधिक ताकतवर है। हम इस मुश्किल वक्त में भारत के साथ खड़े रहेंगे।' मिलबेन ने भारत सरकार की फौरन कार्रवाई और अमेरिकी नेताओं के दिखाए गए समर्थन की तारीफ भी की।

मिलबेन मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में होने वाले पहले वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट (WAVES) समिट में शामिल होंगी। वहां वह 1 से 4 मई, 2025 तक मुख्य वक्ता होंगी। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए अपनी प्रार्थनाओं पर जोर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने हमले पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया को साहसिक और हिम्मतवाला बताया।

अमेरिका के 9/11 हमले के बाद की कार्रवाई से तुलना करते हुए उन्होंने कहा, 'कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री के शब्द... इस आतंकवाद में शामिल लोगों के लिए बिल्कुल साफ थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें ढूंढ निकाला जाएगा और जो भी लोग उनके साथ मिले हुए हैं, उन्हें भी ढूंढकर सजा दी जाएगी।' 

भारत-अमेरिका संबंधों में मैरी मिलबेन एक जाना-माना चेहरा हैं। उन्हें भारतीय राष्ट्रगान, हिंदू भजन 'ओम जय जगदीश हरे' और अमेरिकी राष्ट्रगान गाने के लिए दुनियाभर में पहचान मिली है। उन्होंने न्यूयॉर्क में भारत और अमेरिका के बीच हुए 2024 ICC T20 वर्ल्ड कप फाइनल जैसे बड़े मौकों पर ये प्रस्तुतियां दी हैं। भारत से उनका जुड़ाव अगस्त 2022 में शुरू हुआ था। वह भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित की जाने वाली पहली अमेरिकी और अफ्रीकी-अमेरिकी कलाकार बनी थीं।

दुनियाभर से मिल रहे समर्थन पर बात करते हुए मिलबेन ने कहा कि दुनिया के तमाम राजनेता खुलकर भारत का साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब हमारे किसी दोस्त के साथ आतंकवाद जैसी नफरत भरी हरकतों के जरिए बुरा बर्ताव होता है और उसे तकलीफ पहुंचती है, तो हम सभी को आवाज उठानी चाहिए। ऐसे समर्थन पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए। यह बिल्कुल पक्का और मजबूत होना चाहिए।'

WAVES समिट के बारे में 

भारत वापसी के बारे में पूछने पर मिलबेन ने बताया कि 2022 में अपनी पहली यात्रा के बाद से उन्हें इस दौरे का बेसब्री से इंतजार था। उन्होंने कहा, 'मैं काफी समय से भारत वापस आना चाह रही थी।' उन्होंने WAVES समिट में हिस्सा लेने के मौके का भी स्वागत किया। वहां उन्होंने मीडिया, मनोरंजन, संगीत और फिल्म के जरिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में 'सांस्कृतिक व्यापार' की भूमिका पर बल दिया।

मिलबेन ने कहा, 'अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक व्यापार की खबरें तो सुर्खियों में छाई रहती हैं, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि मुझे यहां आकर... सांस्कृतिक व्यापार के बारे में बात करने का मौका मिल रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'संस्कृति, मनोरंजन, सिनेमा, संगीत, फिल्म, मीडिया - ये सभी चीजें सांस्कृतिक तौर पर दुनिया को एक नया रूप देने में वाकई बहुत असर डालती हैं।'

एक ग्लोबल आर्टिस्ट के तौर पर अपने दो दशक लंबे करियर पर बात करते हुए मिलबेन ने कहा कि वह 'सांस्कृतिक कूटनीति का चोला' भी पहनती हैं। उन्होंने डिप्लोमेसी में कला की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने देशभक्ति को एक ऐसी भाषा बताया जिसे सब समझते हैं और इसे सांस्कृतिक मेलजोल से जोड़ा। उन्होंने कहा, 'जब लोग अपने देश से प्यार करते हैं, तो वे दूसरे देशों की और दूसरी संस्कृतियों की भी कद्र करना सीखते हैं। यह सब इस बात का हिस्सा है कि हम कैसे मिलकर काम करते हैं, और कैसे हम दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं।'

अमेरिका में 'सांस्कृतिक व्यापार घाटे' के सवाल पर मिलबेन ने कहा कि उन्हें सांस्कृतिक चीजों की कमी तो नहीं दिखती, लेकिन अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में सांस्कृतिक कूटनीति को कितनी अहमियत दी जाती है, इस मामले में एक कमी जरूर नजर आती है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि दुनियाभर की सरकारों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि डिप्लोमेसी से जुड़ी बातचीत की टेबल पर संस्कृति को कैसे शामिल किया जाए।'

WAVES समिट में मिलबेन की मौजूदगी, राष्ट्रपति ट्रंप के 60वें राष्ट्रपति उद्घाटन समारोह में उनकी परफॉर्मेंस के बाद और अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस की हाल की भारत यात्रा के बाद हो रही है। 

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