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Heo Hwang-ok: एक राजकुमारी, जिसने जोड़ दिए दो देश!

कारक वंश की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने का एक प्रमुख कारण अयोध्या भी है। मान्यता इतनी प्रबल है, कि इस वंश के लोगों ने सदियों से इस शहर के पत्थरों को संभाल कर रखा है।

रिप्रजेंटेटिव इमेज / Canva

कारक वंश के लोग खुद को राजा किम सू-रो और अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना का वंशज मानते हैं। ऐसी मान्यता रखने वाले कोरिया की आबादी का बड़ा हिस्सा हैं।  मान्यता इतनी प्रबल है, कि इस वंश के लोगों ने उन पत्थरों को संभाल कर रखा है जिनके बारे में माना जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी अपनी समुद्र यात्रा के दौरान नाव को संतुलित रखने के लिए साथ लाई थीं।

कोरिया में कारक वंशज की संख्या 60 लाख से अधिक है, जो कि इस देश की कुल आबादी का 10 प्रतिशत से भी अधिक है। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम डेई जंग और पूर्व प्रधानमंत्री हियो जियोंग और जोंग पिल-किम इसी वंश से ही थे। लेकिन कारक वंश की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने का एक प्रमुख कारण अयोध्या है। दरअसल, यह वंश दावा करता है कि इसकी जड़ें भारत की इसी पौराणिक नगर से जुड़ी हैं, जो सदियों से सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र रहा है।
 

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