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भारतीय मूल के विभु पौडयाल किंग्स कॉलेज लंदन में प्रोफेसर नियुक्त

प्रोफेसर पौडयाल का शोध मुख्य रूप से असमानताओं को समझने और उनमें कमी लाने पर केंद्रित होगा, खासकर ऐसे लोगों में जो कई अन्य गंभीर खतरों का सामना कर रहे हैं।

पौडयाल इस समय बर्मिंघम विश्वविद्यालय में क्लीनिकल फार्मेसी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। / Image : linkedin

भारतीय मूल के विभु पौडयाल को लंदन के किंग्स कॉलेज में स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान एवं असमानता मामलों का प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर पौडयाल नर्सिंग, मिडवाइफरी और पैलिएटिव केयर फैकल्टी में प्रोफेसर होंगे। 

पौडयाल को उच्च गुणवत्ता वाली एप्लाइड हेल्थ रिसर्च की अगुआई करेंगे जिससे स्थानीय एवं वैश्विक समुदायों को लाभ होगा। कॉलेज की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रो. पौडयाल किंग्स के अंदर और बाहर एनएमपीसी अनुसंधान और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे। 

प्रोफेसर पौडयाल का शोध मुख्य रूप से असमानताओं को समझने और उनमें कमी लाने पर केंद्रित होगा, खासकर ऐसे लोगों में जो कई अन्य गंभीर खतरों का सामना कर रहे हैं। उनके काम से असमानताओं की वजह से बेघर होने का अनुभव करने वालों तक स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बनाने में मदद मिली है।

इंग्लैंड में रहने वाले पौडयाल फिलहाल  यूके एनआईएचआर स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान एवं वितरण (एचएस एंड डीआर) द्वारा वित्त पोषित देखभाल मॉडल के परीक्षण का नेतृत्व कर रहे हैं। इससे बेघर महसूस करने वाले लोगों को स्वास्थ्य, सामाजिक एवं व्यावहारिक समर्थन प्राप्त होगा। उनके शोध में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो नशीली दवाओं के उपयोग, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और शारीरिक व मानसिक मनोविकारों से जूझ रहे हैं।

पौडयाल ने कहा कि किंग्स में दुनिया के अग्रणी अनुसंधान कार्य एवं फैकल्टी में शामिल होना वाकई सम्मान की बात है। समाज में बढ़ती असमानताओं ने नए तरीकों की जरूरत महसूस कराई है। किंग्स वैश्विक समुदाय की सेवा करने वाले अनुसंधान कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए अलग अलग विशेषज्ञों से जुड़ने की एक आदर्श जगह है।

पौडयाल ईएससीपी की प्रमुख पत्रिका इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्लिनिकल फार्मेसी के फेलो और एसोसिएट एडिटर हैं। वह यूरोपियन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल फार्मेसी (ESCP) की अनुसंधान समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। 

पौडयाल इस समय बर्मिंघम विश्वविद्यालय में क्लीनिकल फार्मेसी और फार्मेसी प्रैक्टिस के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्हें विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शिक्षण पुरस्कारों के लिए दो बार नामांकित किया जा चुका है।
 

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