भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति को चैंपियन ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 'फ्री जिमी लाइ' कैम्पेन की ओर से हाल ही में आयोजित 'टोस्ट टू फ्रीडम' कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में उन लोगों का सम्मान किया जाता है, जिन्होंने लोकतंत्र, कानून के शासन और प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति दृढ़ समर्थन का प्रदर्शन किया हो और दमनकारी शासन में अन्यायपूर्ण तरीके से कैद किए गए लोगों की पैरवी की हो।
राजा कृष्णमूर्ति को हांगकांग और वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है। अपने संबोधन में राजा ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक जिमी लाइ पर मनमाने तरीके से चलाए जा रहे मुकदमे के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि हांगकांग में जिम्मी लाइ के खिलाफ मनमाने और अनुचित मुकदमे ने हमें एक बार फिर न सिर्फ लाई की तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग करने बल्कि हांगकांग समेत पूरी दुनिया में स्वतंत्रता एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित भी किया है।
कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति चीन में मानवाधिकार हनन विशेष रूप से उइगर समुदाय से जबरन श्रम कराए जाने जैसे मुद्दों पर भी मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यकीन दिलाता हूं कि कानून के शासन, प्रेस की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद करता रहूंगा।
हाल ही में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने उइगुर मजबूर श्रम रोकथाम अधिनियम की इकाई सूची का विस्तार करते हुए 29 अतिरिक्त संस्थाओं को इसमें शामिल किया है, जिससे उनकी कुल संख्या 107 हो गई है। कृष्णमूर्ति ने इसकी सराहना करते हुए इसे जबरन मजदूरी और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
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