ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक को 2025 का होलबर्ग पुरस्कार, जानें उनका योगदान

प्रो गायत्री को उनकी अग्रणी शोध और अद्वितीय बौद्धिक योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।

स्पिवाक का योगादन सिर्फ अकादमिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समाज सुधार में भी अतुलनीय है। / courtesy image

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक को साल 2025 के होलबर्ग पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। यह पुरस्कार नॉर्वे सरकार द्वारा मानविकी, सामाजिक विज्ञान, कानून एवं धर्मशास्त्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। 

प्रो गायत्री को उनकी अग्रणी शोध और अद्वितीय बौद्धिक योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत लगभग 5.4 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाती है।  

ये भी पढ़ें - होबोकेन के मेयर रवि भल्ला का विदाई संबोधन: उपलब्धियां गिनाईं

स्पिवाक का शोध साहित्यिक आलोचना, उत्तर औपनिवेशिक अध्ययन, नारीवाद, राजनीतिक दर्शन और अपवंचित वर्गों की आवाज पर केंद्रित रहा है। उनके 1988 के चर्चित निबंध Can the Subaltern Speak? को उत्तर औपनिवेशिक अध्ययन में एक आधारभूत ग्रंथ माना जाता है। 

उन्होंने जैक्स डेरीडा की पुस्तक "ऑफ ग्रामेटोलॉजी"** का अंग्रेजी में अनुवाद कर डिकन्स्ट्रक्शन को अंग्रेजी भाषी विद्वानों के बीच लोकप्रिय बनाया है। स्पिवाक को इससे पहले भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण, प्रतिष्ठित क्योटो पुरस्कार और 15 मानद डॉक्टरेट उपाधियां मिल चुकी हैं।  

होलबर्ग समिति के अध्यक्ष हाइके क्राइगर ने कहा, "स्पिवाक ने समकालीन विचार को न केवल नया आयाम दिया है बल्कि दुनिया भर के केंद्रों और हाशिये पर बसे समाजों में वैकल्पिक आलोचनात्मक विमर्श को प्रेरित किया है।"

स्पिवाक का योगादन सिर्फ अकादमिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समाज सुधार में भी अतुलनीय है। उन्होंने भारत के वंचित समुदायों में स्वयं के वित्त पोषित विद्यालयों के माध्यम से लोकतांत्रिक शिक्षा को बढ़ावा दिया और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक सुधार की दिशा में कार्य किया।  

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कला एवं विज्ञान संकाय की डीन एमी हंगरफोर्ड ने इस सम्मान पर कहा, "हमें बेहद गर्व है कि प्रोफेसर स्पिवाक को उनकी जीवनभर की विद्वतापूर्ण साधना और मानविकी में उनके योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया जा रहा है। उनके शोध ने साहित्य, समाज और सीखने की प्रक्रिया की गहरी समझ विकसित की है।"
 

Comments

Related