भारतीय मूल के जन स्वास्थ्य नेता और अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के पूर्व प्रधान उप निदेशक, डेमोक्रेट नीरव शाह ने 20 अक्टूबर को मेन के गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। शाह ने पहले कोविड-19 महामारी के दौरान मेन सीडीसी का नेतृत्व किया था। शाह ने कहा कि उनका अभियान व्यावहारिक नेतृत्व और सरकार में विश्वास के पुनर्निर्माण पर केंद्रित होगा।
शाह का जन्म 1977 में विस्कॉन्सिन में भारतीय आप्रवासी माता-पिता के यहां हुआ था और उनका पालन-पोषण भी उसी राज्य में हुआ। उन्होंने 1999 में लुइसविल विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और जीव विज्ञान में डिग्री हासिल की और फिर कानून, अर्थशास्त्र और जन स्वास्थ्य को मिलाकर एक ऐसा करियर शुरू किया।
शाह ने कहा कि मुझे अपने राज्य के कोने-कोने से आए हजारों मेनवासियों से बात करने और उनकी चिंताओं और आकांक्षाओं को सुनने का सौभाग्य मिला है। मेन एक दोराहे पर खड़ा है और हमें एक ऐसे गवर्नर की जरूरत है जिसके पास सिद्ध नेतृत्व अनुभव हो और जो पहले दिन से ही हमारी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो। मैं गवर्नर पद के लिए इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं ताकि जो कारगर हो उसे सम्मानित कर सकूं, जो कारगर न हो उसे ठीक कर सकूं और हमारे राज्य के लिए परिणाम ला सकूं।
मेन सीडीसी निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल पर विचार करते हुए शाह ने कहा कि मैंने देखा कि कैसे हम सहानुभूति, दृढ़ता और दूरदर्शिता के साथ मिलकर अविश्वसनीय रूप से कठिन समय से पार पा सकते हैं। मैं राज्यपाल के रूप में उन्हीं मूल्यों को बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनाऊंगा: जीवन और आवास की लागत में असहनीय वृद्धि, एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है, और एक ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली जो संघर्ष कर रही है और ट्रम्प के कारण और भी बदतर हो जाएगी।
उन्होंने अपने प्रबंधन अनुभव और समस्या-समाधान के दृष्टिकोण पर जोर जेते हुए कहा कि हमारे राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए एक ऐसे नेता की आवश्यकता है जिसके पास एक अलग कौशल हो जो मेनवासियों को आज की तुलना में अधिक लाभ पहुंचा सके। मैंने जिज्ञासु रहकर, कठिन प्रश्न पूछकर और जवाबदेही की मांग करके हजारों कर्मचारियों वाले संगठनों का संचालन किया है और अरबों डॉलर के बजट का प्रबंधन किया है। राज्यपाल के रूप में मैं कठिन समस्याओं के हल तलाश करूंगा, उनसे दूर नहीं जाऊंगा।
शाह को 2019 में गवर्नर जेनेट मिल्स ने मेन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का प्रमुख नियुक्त किया था जहां उन्होंने पिछले रिपब्लिकन प्रशासन के तहत वर्षों की कटौती के बाद एजेंसी का पुनर्निर्माण किया था। जब महामारी फैली, तो उन्होंने सुरक्षात्मक उपकरण हासिल करने, परीक्षण का विस्तार करने और देश में सबसे तेज टीकाकरण अभियान की देखरेख करने के लिए तेजी से काम किया। इससे मेन को संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे कम COVID-19 मृत्यु दर वाले राज्यों में से एक बनाए रखने में मदद मिली।
महामारी के दौरान उनके नेतृत्व के कारण बाद में उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन के अधीन अमेरिकी सीडीसी के प्रधान उप निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। उस पद को छोड़ने के बाद, शाह मेन लौट आए, जहां वे अब कोल्बी कॉलेज में पढ़ाते हैं और सामुदायिक कार्यों में संलग्न रहते हैं।
शाह अपनी पत्नी कारा और अपने जर्मन शेफर्ड, फ्रिट्ज के साथ ब्रंसविक में रहते हैं। उनके अभियान में पोर्टलैंड, लेविस्टन, वाटरविले और ब्रंसविक में कार्यक्रम शामिल हैं।
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