(प्रन्वी शर्मा)
ब्रिटिश मूल के एशियाई शालनी अरोड़ा और आसिफ रंगूनवाला को परोपकारी प्रयासों के लिए किंग चार्ल्स तृतीय ने सम्मानित किया है। अरोड़ा और रंगूनवाला ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष हैं जिसकी स्थापना किंग और ब्रिटिश एशियाई व्यापारिक नेताओं ने की थी।
ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (ओबीई) से सम्मानित अरोड़ा को सामाजिक एकजुटता और परोपकारिता के प्रति समर्पण के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने सवाना विजडम फाउंडेशन की स्थापना की है, जो धर्मार्थ कार्यों से वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए काम करता है।
यह फाउंडेशन महिलाओं की गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए भारत में कानूनी अधिकारों तक पहुंच में असंतुलन को दूर करता है, खासकर यौन और घरेलू हिंसा के मामलों में।
अरोड़ा ने प्रतिक्रिया में कहा कि यह पुरस्कार न सिर्फ मेरे लिए बल्कि बहुत से लोगों के अविश्वसनीय कार्यों को मान्यता प्रदान करता है। हम एक समावेशी और दयालु समाज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मैं इस पुरस्कार को उन सभी के साथ साझा करना चाहती हूं जिन्होंने हमारे मिशन को सहयोग दिया है।
रंगूनवाला को कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (CBE) से सम्मानित किया गया है। वह रंगूनवाला फाउंडेशन के माध्यम से यूके और दक्षिण एशिया में विभिन्न समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य कर रहे हैं। वह वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति, चिकित्सा अनुसंधान के लिए फंडिंग और सामुदायिक विकास कार्यक्रम में सहयोग भी प्रदान करते हैं।
रंगूनवाला ने कहा कि मैं इस सम्मान को प्राप्त करके बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इससे एक न्यायसंगत और करुणामय दुनिया बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
अरोड़ा और रंगूनवाला दोनों ने ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो पूरे दक्षिण एशिया में गरीबी और असमानता से निपटने के मिशन को आगे बढ़ा रहा है। ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के अध्यक्ष लॉर्ड जितेश गढिया ने बधाई देते हुए कहा कि आसिफ और शालनी का परोपकारी कार्यों के प्रति जुनून और प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है। हमें उन पर गर्व है।
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