US पॉलस्टर मार्क मिचेल / Mark Mitchell via X
अमेरिकी पॉलस्टर और राजनीतिक विश्लेषक मार्क मिचेल ने हाल ही में एक विवादित बयान देकर बड़ा राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। रासमुसेन रिपोर्ट्स (Rasmussen Reports) के प्रमुख पॉलस्टर मिचेल ने अमेरिकी टेक कंपनियों में “डि-इंडियनाइज़ेशन” की मांग की है, यानी भारतीयों को हटाओ। उन्होंने दावा किया कि विदेशी कामगारों, खासकर भारतीय H-1B डेवलपर्स—की वजह से लाखों अमेरिकी तकनीकी पेशेवर बेरोजगार हो रहे हैं।
मिचेल ने ये टिप्पणियां डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व सलाहकार और MAGA समर्थक स्टीव बैनन के पॉडकास्ट ‘द वॉर रूम’ में कीं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि “अगर हम Apple जैसे कंपनियों के एक सीनियर H-1B डेवलपर को वापस भेजते हैं, तो इसका आर्थिक असर दस अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के बराबर होगा।”
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उन्होंने आगे कहा कि “मुझे समझ नहीं आता कि हमने अभी तक ऐसा क्यों नहीं किया। इनमें से कई लोग एंट्री-लेवल पर हैं, लेकिन बहुत बड़ी संख्या अच्छी-खासी कमाई भी कर रही है।”
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