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'Deepest, Darkest China': भारत, रूस के रुख पर ट्रम्प ने चीन को ऐसा क्यों कहा?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत, रूस की चीन के साथ नजदीकियां बढ़ने पर तंज कसा है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प /

टैरिफ वॉर के ठीक बाद शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भारत और रूस की चीन के नजदीकियां खुलकर सामने आईं। समिट के बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अलग मुलाकात की। बदले द्विपक्षीय संबंधों के बीच ट्रम्प ने चीन की जमकर आलोचना की। ट्रम्प ने भारत और रूस के चीन को लेकर ताजा रुख और अमेरिका से दूरी पर चिंता जताई। 

टैरिफ वॉर के बाद भारत और रूस के रूख को लेकर राष्ट्रपति ट्रम्प ने सीधे चीन को निशाने पर लिया। उन्होंने मौजूदा हालात पर चिंता जताई और कहा कि हालात ये हैं कि अब रूस और भारत को ऐसे देश के साथ हाथ मिलाना पड़ रहा,जो पूरी तरह 'अंधकारमय' है। उन्होंने चीन को "deepest, darkest China"  कहकर संबोधित किया। दरअसल इसके पीछे उन्होंने चीन के विस्तारवादी नीति के साथ पिछले कुछ कदमों की ओर इशारा किया। 

ट्रम्प ने सोशल मीडिया ट्रुथपर तियानजिन SCO शिखर सम्मेलन के दौरान कैप्चर की गई मोदी, पुतिन और शी की तस्वीर शेयर की और लिखा, "हमने भारत और रूस को सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया। ईश्वर करे कि उनके संबंध लंबे चलें, भविष्य समृद्ध हो!"

राष्ट्रपति ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट /

वहीं इससे पहले ट्रम्प ने बीजिंग सैन्य परेड में शी जिनपिंग के साथ शामिल होने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को निशाने पर लिया था। दरअसल,यह सैन्य परेड  द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। जिसमें पुतिन के अलावा उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको भी शामिल हुए। 

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'भारत-चीन-रूस से चिंता नहीं'
हालांकि ट्रम्प ने भारत-चीन-रूस की तिकड़ी को यूएस के खिलाफ खड़े होने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।  उन्होंने कहा, "मुझे बिल्कुल भी चिंता नहीं है... हमारे पास दुनिया की अब तक की सबसे मजबूत सेना है। वे हम पर अपनी सेना का इस्तेमाल कभी नहीं करेंगे।"

राष्ट्रपति ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट /

देश की आर्थिक मजबूती के लिए टैरिफ जरूरी: राष्ट्रपति ट्रम्प
2 सितंबर को स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बोलते हुए, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की टैरिफ दरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जिस तरह चीन ने यूएस पर टैरिफ लगाए थे, भारत और ब्राजील भी वैसा  ही कर रहा है। इसमें भारत सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश था, लेकिन अब भारत ने अमेरिकी वस्तुओं के टैरिफ फ्री करने का प्रस्ताव दिया है। अगर यूएस ने टैरिफ नहीं बढ़ाए होते तो भारत से ऐसा प्रस्ताव नहीं आता। ऐसे में किसी देश की आर्थिक मजबूती के लिए टैरिफ अहम है।"

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