अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का (एंकोरेज) में हुई अहम बैठक के बाद भी यह साफ नहीं हो सका है कि भारत पर लगे रूसी तेल आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ जारी रहेंगे या हटाए जाएंगे। ट्रम्प ने इस पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की, हालांकि उनके हालिया बयान पहले की तुलना में कुछ नरम जरूर माने जा रहे हैं।
ट्रम्प ने बैठक से पहले कहा था, 'रूस ने अपने तेल का बड़ा ग्राहक खो दिया है, जो भारत था। भारत करीब 40% तेल व्यापार कर रहा था। अगर मैंने सेकेंडरी सैंक्शंस अभी लगाए, तो यह उनके लिए बेहद विनाशकारी होगा। करना पड़ा तो करूंगा, शायद न भी करना पड़े।' उनके इस बयान से अनुमान लगाया गया कि टैरिफ ने भारत को रूसी तेल खरीदने से रोका, लेकिन भारत सरकार या तेल कंपनियों की ओर से ऐसा कोई औपचारिक संकेत अभी तक नहीं आया है।
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क्या भारत पर टैरिफ हटेगा?
बैठक के बाद ट्रम्प ने चीन के मामले में अलग रुख दिखाते हुए कहा कि वह चीन पर रूसी तेल खरीदने को लेकर टैरिफ नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे अभी इस पर सोचना नहीं है। शायद 2-3 हफ्ते में इस पर विचार करना पड़े।' इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भारत पर लगे अतिरिक्त टैरिफ पर भी पुनर्विचार कर सकते हैं।
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