तुर्की में अमेरिकी राजदूत थॉमस जोसेफ बैरक जूनियर ने गुरुवार को कहा कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर दबाव डालने में भारत की भूमिका केंद्रीय होनी चाहिए। बैरक को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सहयोगी माना जाता है। उन्होंने भारत को भविष्य और अमेरिकी सहयोगियों में महत्वपूर्ण बताया। व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत में बैरक ने कहा, भारत हमारे सबसे बड़े सहयोगियों में से एक होना चाहिए और यह भविष्य है।
रूस की कार्रवाई को कमजोर करने के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि यदि प्रमुख देश रूस से अपने तेल और गैस के आयात को कम करें तो स्थिति नियंत्रित की जा सकती है। उन्होंने कहा, इसे कैसे किया जाए? रूस के ईंधन को रोककर। यह सिर्फ भारत की बात नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया को रूस पर अधिक दबाव डालने की जरूरत है, बिना अनावश्यक हिंसा के।
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बैरक के ये बयान अमेरिका की उस कोशिश को दर्शाते हैं जिसमें भारत के साथ गहरे साझेदारी को संतुलित करते हुए यह चिंता जताई जा रही है कि भारतीय खरीदारी, विशेषकर सस्ते रूसी कच्चे तेल की, पश्चिमी प्रतिबंधों को कमजोर कर सकती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका-भारत के ongoing वार्ता में कोई प्रगति की संभावना है, तो उन्होंने जवाब दिया, हां, मुझे लगता है। मैं इसे आगे बढ़ते देखता हूं। उन्होंने और विवरण देने से इनकार किया।
राष्ट्रपति ट्रम्प लगातार भारत से रूस पर निर्भरता कम करने का आग्रह कर रहे हैं। वहीं भारत, जो विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, अपने रूस से ऊर्जा आयात की रक्षा करता रहा है और इसे घरेलू जरूरतों के लिए जरूरी बताता है। बैरक ने इसे मामूली असहमति बताते हुए कहा, यह केवल एक वाणिज्यिक लेन-देन है जो खत्म हो जाएगा। भारत हमेशा हमारे सबसे बड़े सहयोगियों में से एक होना चाहिए।
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