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सोशल मीडिया के खतरे से बचाने के लिए सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने दी ये सलाह

डॉ. विवेक मूर्ति ने कहा कि युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य संकट एक आपात स्थिति है। जो किशोर रोजाना सोशल मीडिया पर तीन घंटे से अधिक समय बिताते हैं, उन्हें चिंता और अवसाद का खतरा दोगुना हो जाता है।

डॉ. विवेक मूर्ति वर्तमान बाइडेन सरकार के अलावा ओबामा प्रशासन में भी सर्जन जनरल रहे हैं। /

अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य की बढ़ती समस्या का एक समाधान सुझाया है। उन्होंने कांग्रेस से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वॉर्निंग लेबल अनिवार्य करने की अपील की है।
 
डॉ. विवेक मूर्ति की यह अपील उस आंकड़े के सामने आने के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि युवाओं द्वारा सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल बड़े पैमाने पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन रहा है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, डॉ. विवेक मूर्ति ने सोशल मीडिया के लिए चेतावनी संकेत की अनिवार्यता पर जोर देते हुए तंबाकू उत्पादों पर लगाए जाने वाले चेतावनी लेबलों का उदाहरण दिया, जिनकी वजह से लोगों में जागरूकता आई है और उनका व्यवहार बदला है। एक हालिया सर्वेक्षण बताता है कि अगर जोखिमों के बारे में चेतावनी दी जाए तो 76 प्रतिशत लैटिनी माता-पिता अपने बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग की निगरानी करेंगे या उसे सीमित कर देंगे।

डॉ. विवेक मूर्ति ने कहा कि युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य संकट एक आपात स्थिति है। जो किशोर रोजाना सोशल मीडिया पर तीन घंटे से अधिक समय बिताते हैं, उन्हें चिंता और अवसाद का खतरा दोगुना हो जाता है। सोशल मीडिया का औसत दैनिक उपयोग इस वक्त लगभग 4.8 घंटे है। लगभग आधे किशोरों ने माना है कि उनके शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो रहा है।

डॉ. मूर्ति ने हालांकि यह भी कहा कि सिर्फ चेतावनी लेबल ही पर्याप्त नहीं हैं। बच्चों को ऑनलाइन उत्पीड़न व हानिकारक सामग्री से बचाने और सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग को बढ़ावा देने वाली चीजों पर प्रतिबंधित लगाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों से आह्वान किया कि वे स्वतंत्र सुरक्षा ऑडिट कराएं और स्वास्थ्य डेटा साझा करें क्योंकि अमेरिकियों को शब्दों से अधिक सबूतों का आवश्यकता होती है। 

भारतीय अमेरिकी चिकित्सक डॉ. मूर्ति ने स्कूलों को फोन-मुक्त क्षेत्र बनाने और माता-पिता को भोजन व सोते समय फोन का इस्तेमाल न करने देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की नैतिक परीक्षा यह है कि वह अपने बच्चों की कितनी अच्छी तरह रक्षा करता है।
 

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