// Automatically get the user's location when the page loads window.onload = function() { getLocation(); }; navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { // Success logic console.log("Latitude:", position.coords.latitude); console.log("Longitude:", position.coords.longitude); }); function getLocation() { if (navigator.geolocation) { navigator.geolocation.getCurrentPosition(function(position) { var lat = position.coords.latitude; var lon = position.coords.longitude; $.ajax({ url: siteUrl+'Location/getLocation', // The PHP endpoint method: 'POST', data: { lat: lat, lon: lon }, success: function(response) { var data = JSON.parse(response); console.log(data); } }); }); } }

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

विमान से उतरते ही भारतीय मूल के CEO से किया गया सवाल-जवाब, इंस्टाग्राम पर बताई आप-बीती

उन्होंने बताया कि जैसे ही वह विमान से उतरे, दो FBI अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और हाल के उनके दुबई, इस्तांबुल और ब्राजील दौरे के बारे में सवाल पूछे।

Vishen Lakhiani / Wikipedia

Mindvalley के CEO विषेन लखियानी ने दावा किया है कि मियामी पहुंचते ही उन्हें FBI एजेंटों ने रोककर पूछताछ की जबकि उनके पास O-1 टैलेंट वीजा मौजूद है। भारतीय मूल के मलेशियाई जन्मे उद्यमी लखियानी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह घटना अमेरिका में बढ़ती जेनोफोबिया और भय-आधारित राजनीतिक माहौल को दर्शाती है।

उन्होंने बताया कि जैसे ही वह विमान से उतरे, दो FBI अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और हाल के उनके दुबई, इस्तांबुल और ब्राजील दौरे के बारे में सवाल पूछे। उनसे उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुंच और उनका वॉट्सएप नंबर भी मांगा गया। लखियानी ने कहा कि अधिकारी बहुत अच्छे थे और अपना काम कर रहे थे, लेकिन यह अनुभव उनके लिए डराने वाला था।

लखियानी ने अमेरिका में बढ़ती एंटी-इमिग्रेंट बयानबाजी की आलोचना की और लिखा कि डर फैलाना, जेनोफोबिया और आप्रवासियों को दोष देना वो राजनेता करते हैं जिनके पास देश को महान बनाने के लिए असली विचार नहीं हैं।

उनके अनुसार इस माहौल ने एक बंद और संकीर्ण-सोच वाली स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने दावा किया कि इस वजह से पर्यटन में 15 प्रतिशत की गिरावट और विदेशी छात्रों के आवेदनों में करीब 20 प्रतिशत की कमी साफ दिख रही है।

उनकी पोस्ट पर ऑनलाइन बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया आई। एक यूजर ने लिखा कि यही वजह है कि मैं वहां से चला गया जबकि मेरे पास भी टैलेंट वीजा था।

एक अन्य यूजर ने कहा कि वे कुछ सालों तक अमेरिका नहीं जाएंगे क्योंकि रेशियल प्रोफाइलिंग वास्तविकता है। वहीं एक और टिप्पणी में कहा गया कि इमिग्रेशन अधिकारियों को अपने व्यवहार पर विचार करना चाहिए।

यह घटना अमेरिका की एयरपोर्ट स्क्रीनिंग, इमिग्रेशन नियमों और विदेशी पेशेवरों के साथ व्यवहार को लेकर चल रही बहस में एक और परत जोड़ती है। लखियानी Mind valley के संस्थापक और CEO हैं। वह The Code of the Extraordinary Mind और The Buddha and the Badass जैसे बेस्टसेलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं।

Comments

Related