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भारत जाने वाले US प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए ग्रेगरी मीक्स, दलाई लामा से करेंगे मुलाकात

ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भारत के साथ हमारे संबंधों में कायापलट हुआ है। यह अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक बन गया है। मैककॉल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार है।

88 साल के दलाई लामा भारत के धर्मशाला शहर में रह रहे हैं। / @DalaiLama

अगले हफ्ते भारत के धर्मशाला जाने वाले उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल दलाई लामा से मुलाकात करेंगे। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने इस बारे में जानकारी दी है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी रैंकिंग सदस्य ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स भारत के दौरे पर जाने वाले माइकल मैककॉल के कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हो गए हैं। इस महत्वपूर्ण अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी, हाउस रूल्स कमेटी के रैंकिंग सदस्य जिम मैकगवर्न, हाउस फॉरेन अफेयर्स सबकमेटी ऑन द इंडो-पैसिफिक के रैंकिंग सदस्य अमी बेरा और प्रतिनिधि मारियानेट मिलर-मीक्स और निकोल मल्लियोटाकिस भी शामिल हैं।

अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल दलाई लामा, भारतीय सरकार के अधिकारियों और देश में विभिन्न व्यवसायों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगा। 88 साल के दलाई लामा भारत के धर्मशाला शहर में रह रहे हैं।

ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि मैं चेयरमैन मैककॉल और पूर्व स्पीकर पेलोसी के साथ अमेरिका-भारत संबंधों के लिए मजबूत समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए उत्सुक हूं। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भारत के साथ हमारे संबंधों में कायापलट हुआ है। यह अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक बन गया है। मैं दलाई लामा से मिलने और उनके विचारों को सुनने के लिए भी सम्मानित हूं कि अमेरिकी जनता तिब्बती लोगों की स्वायत्तता के संघर्ष को आगे बढ़ाने में कैसे मदद कर सकती है।

मैककॉल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार के अधिकारियों और अमेरिकी व्यावसायिक समुदाय से मिलने के लिए उत्सुक हूं जिससे यह पता लगाया जा सके कि हम भारत के साथ अपने संबंधों को और कैसे मजबूत कर सकते हैं।

मैककॉल ने कहा कि मैं दलाई लामा से मिलने के अवसर के लिए भी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। तिब्बती लोकतंत्र-प्रेमी लोग हैं जो अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करना चाहते हैं। इस यात्रा से अमेरिकी कांग्रेस में तिब्बत को अपने भविष्य में भाग लेने का अधिकार देने के लिए द्विदलीय समर्थन पर प्रकाश डाला जाना चाहिए।

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