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सेमिकंडक्टर सेक्टर में आगे बढ़ेगा भारत, इजराइल की यह कंपनी करेगी निवेश

मोदी सरकार के प्रमुख कारोबारी एजेंडों में सेमीकंडक्टर शामिल है। इजराइल की की चिप निर्माता कंपनी ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ ने भारत में 800 करोड़ डॉलर (66,411 करोड़ रुपये) के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कंपनी का कहना है कि वो भारत में 65 नैनोमीटर और 40 नैनोमीटर के चिप का निर्माण करेगी।

इजराइल की कंपनी ने भारत में 800 करोड़ डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दिया है। / @IndianTechGuide

इजराइल की की चिप निर्माता कंपनी ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ ने भारत में 800 करोड़ डॉलर (66,411 करोड़ रुपये) के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने इसके लिए भारत सरकार से जरूरी मंजूरी भी मांगी है। कंपनी का कहना है कि वो भारत में 65 नैनोमीटर और 40 नैनोमीटर के चिप का निर्माण करेगी। जिसका उपयोग ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में किया जा सकता है।

मोदी सरकार के प्रमुख कारोबारी एजेंडों में सेमीकंडक्टर शामिल है। इसके लिए दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 10 बिलियन डॉलर की योजनाएं लॉन्च की थी।अक्टूबर 2023 में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चिप निर्माण क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी पर चर्चा करने के लिए टॉवर सेमीकंडक्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रसेल सी एल्वांगर से मुलाकात की थी।

अगर इजराइली कंपनी के प्रस्ताव को भारत सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह भारत की चिप निर्माण महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देगा। 10 अरब डॉलर की चिप निर्माण योजना के तहत, भारत सफल आवेदकों को 50 प्रतिशत कैपिटल एक्सपेंडिचर सब्सिडी देता है।

इससे पहले इजराइली कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम आईएसएमसी के साथ साझेदारी में कर्नाटक में 3 बिलियन डॉलर का चिप मेकिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आवेदन किया था। हालांकि, इंटेल के साथ कंपनी के इंपैंडिंग मर्जर के कारण योजना को सस्पेंड कर दिया गया था।

वहीं, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत में 22.2 करोड़ डॉलर में सेमीकंडक्टर सुविधा स्थापित करने के लिए जापानी चिपमेकर रेनेसां इलेक्ट्रॉनिक्स और थाईलैंड के स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की एक इकाई के साथ साझेदारी की है।

भारतीय कंपनी रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका और थाई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स निर्माता के साथ एक जॉइंट वेंचर (जेवी) बनाएगी जिससे एक आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग (ओएसएटी) सुविधा स्थापित की जा सके। इस जॉइंट वेंचर में संयुक्त सीजी पावर के पास 92.34 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि रेनेसां और स्टार्स के पास क्रमशः 6.76 प्रतिशत और 0.9 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। जबकि भारत में अभी तक कोई चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है, ताइवान की फॉक्सकॉन और भारत की वेदांता देश में चिप्स बनाने की दौड़ में हैं।

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