अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य में 21 साल के भारतीय नागरिक रोशन शाह पर मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने का आरोप लगा है। यह जानकारी अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड जी फ्रोहलिंग ने दी।
अटॉर्नी का आरोप है कि रोशन शाह पहले कनाडा में स्टूडेंट वीजा पर था और फिर विजिटर वीजा से अमेरिका आया। आरोप है कि उसने कई राज्यों में जाकर धोखाधड़ी के शिकार लोगों से नकद और सोना इकट्ठा किया और फिर यह रकम अपने साथियों को सौंप दी।
उसे विस्कॉन्सिन के न्यू बर्लिन से तब पकड़ा गया जब वह एक पीड़ित से सोना लेने पहुंचा था। दरअसल अज्ञात धोखेबाजों ने खुद को अमेरिकी सरकारी अफसर बताकर लोगों को यकीन दिलाया कि वे एक बड़े अपराध मामले की जांच का हिस्सा हैं। उन्होंने लोगों को कहा कि अपनी संपत्ति सोने में बदलकर वॉशिंगटन डीसी के सेफ्टी डिपॉजिट बॉक्स में जमा करें।
अधिकारियों के मुताबिक शाह के पकड़े जाने से पहले ही पीड़ित लोग करीब 5 लाख डॉलर यानी लगभग 4.2 करोड़ रुपये का सोना सौंप चुके थे।
अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड फ्रोहलिंग ने कहा कि यह मामला दिखाता है कि किस तरह ठग लोग डर और भरोसे का फायदा उठाकर लोगों से ठगी करते हैं।
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