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एक्सपर्ट की सलाह: H1B वीजा में ट्रांजिशन कर रहे छात्र US छोड़ने से बचें

पिछले हफ्ते जारी आदेश के मुताबिक, एच-1बी वीजा पर $100,000 (करीब 83 लाख रुपये) की अतिरिक्त फीस लगाई जाएगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर / AI Generated

अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद काम करने का मौका पाने के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) कार्यक्रम भारतीय छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है। खासकर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) वाले छात्रों के लिए, जिन्हें OPT की अवधि बढ़ाने की सुविधा मिलती है। इसके बाद अगला बड़ा कदम होता है एच-1बी वीजा, लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई घोषणा ने छात्रों और प्रोफेशनल्स में चिंता बढ़ा दी है।

पिछले हफ्ते जारी आदेश के मुताबिक, एच-1बी वीजा पर $100,000 (करीब 83 लाख रुपये) की अतिरिक्त फीस लगाई जाएगी। इससे खासकर भारतीय छात्रों में घबराहट फैल गई है, जिनका अभी हाल ही में एच-1बी लॉटरी में चयन हुआ है।

यह भी पढ़ें- H-1B: वीजा लॉटरी की जगह नई प्रणाली का प्रस्ताव, उच्च वेतन को बढ़ावा

सलाह
अटलांटा स्थित इमिग्रेशन वकील मंजुनाथ गोकारे बताते हैं कि जिन छात्रों का F-1 से H-1B स्टेटस बदलने का प्रोसेस पूरा हो चुका है और जिन्हें I-797A नोटिस मिल चुका है, वे 1 अक्टूबर 2025 से ऑटोमेटिक H-1B पर आ जाएंगे। उन्हें फिलहाल किसी दिक्कत की आशंका नहीं है। लेकिन वे साफ चेतावनी देते हैं कि छात्र फिलहाल अमेरिका से बाहर यात्रा करने से बचें।

जिन छात्रों को I-797B फॉर्म मिला है या फिर कांसुलर नोटिफिकेशन के जरिए H-1B अप्रूवल मिला है, उन्हें भी सलाह दी गई है कि वे यूएससीआईएस (USCIS) के जरिए स्टेटस बदलवाएं और वीजा स्टैम्पिंग के लिए भारत न जाएं।

अगले साल आवेदन करने वाले छात्र
अगले साल (वित्त वर्ष 2027) एच-1बी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों पर नई फीस लागू हो सकती है। हालांकि, Scholar Strategy की संस्थापक निष्ठा त्रिपाठी कहती हैं कि जो छात्र पहले से अमेरिका में F-1 पर हैं और वहीं से H-1B में स्टेटस बदलेंगे, उन्हें यह फीस नहीं देनी होगी। लेकिन अगर वे देश छोड़कर बाहर गए और भारत से वीजा स्टैम्प करवाकर लौटे, तो फीस लागू हो सकती है। इसलिए छात्रों को सलाह है कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचें, जब तक कि स्थिति साफ न हो जाए।

यूनिवर्सिटीज, नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन्स और मेडिकल-रिसर्च से जुड़ी संस्थाएं, जो एच-1बी लॉटरी से छूट (cap-exempt) पाती हैं, उन पर भी यह फीस लागू होगी या नहीं—इस पर अभी स्पष्टता नहीं है। गोकारे का कहना है कि शायद डॉक्टरों और कुछ नेशनल इंटरेस्ट कैटेगरी को छूट मिले, लेकिन अभी इंतजार करना होगा।

मुंबई की इमिग्रेशन वकील पूर्वी चोठानी का कहना है कि फिलहाल हालात ऐसे हैं कि यह फीस कैप-एग्ज़ेम्प्ट कैटेगरी पर भी लागू होगी।

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