फॉक्सकॉन के वेंडर द्वारा पोस्ट किए गए नौकरी के विज्ञापन / Reuters
Apple की सप्लायर फॉक्सकॉन ने भारत में आईफोन असेंबली वर्कर्स की भर्ती करने वाले एजेंट्स से कहा है कि वो अपने जॉब विज्ञापन से उम्र, लिंग और शादीशुदा होने जैसे क्राइटेरिया के साथ ही कंपनी का नाम भी हटा दें। ये बात सूत्रों से पता चली है और रॉयटर्स ने खुद भी लगभग एक दर्जन ऐसे विज्ञापन चेक किए हैं।
दरअसल, 25 जून को रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि फॉक्सकॉन ने भारत के मेन आईफोन असेंबली प्लांट में विवाहित महिलाओं को नौकरियों से बाहर रखा है। हालांकि, जब प्रोडक्शन ज्यादा बढ़ गया तो इस पॉलिसी को थोड़ा ढीला कर दिया गया था। चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में आईफोन फैक्ट्री में फॉक्सकॉन बड़ी संख्या में महिलाओं को काम पर रखता है। लेकिन असेंबली लाइन के वर्कर्स की भर्ती वो तीसरे पक्ष के वेंडर्स को दे देता है। ये एजेंट्स काम करने वाले लोगों को ढूंढते हैं और उनका स्क्रीनिंग करते हैं। आखिर में फॉक्सकॉन ही इंटरव्यू लेता है और चुनाव करता है।
रॉयटर्स ने जून में अपनी रिपोर्ट के लिए जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच फॉक्सकॉन के वेंडर द्वारा पोस्ट किए गए नौकरी के विज्ञापन देखे थे। इन विज्ञापनों में साफ लिखा था कि सिर्फ कुछ खास उम्र की अविवाहित महिलाएं ही स्मार्टफोन असेंबली के काम के लिए योग्य हैं। ये Apple और फॉक्सकॉन की भेदभाव-विरोधी नीतियों के खिलाफ था।
रिपोर्ट प्रकाशित होने के कुछ दिनों बाद, फॉक्सकॉन के HR अधिकारियों ने कई वेंडर्स को कंपनी द्वारा दिए गए नियमों के मुताबिक भर्ती सामग्री का मानकीकरण करने को कहा। ये बात उन तीनों भर्ती एजेंसी सोर्स में से दो ने रॉयटर्स को बताई। इन लोगों ने ये भी बताया कि वेडर्स को मीडिया से बात न करने को भी कहा गया था।

एक एजेंट ने बताया कि जून के आखिर में एक मीटिंग में फॉक्सकॉन के HR अधिकारियों ने कंपनी के भर्ती तरीकों पर मीडिया कवरेज का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि आगे से किसी भी विज्ञापन में फॉक्सकॉन का नाम इस्तेमाल न करें। ऐसा करने कांट्रैक्ट खत्म कर दिए जाएंगे। उस शख्स ने आगे कहा, 'विज्ञापनों के लिए निर्देश थे' ना अविवाहित होने की शर्त का जिक्र करना, ना उम्र का, और ना ही पुरुष या महिला का।' सूत्रों ने फॉक्सकॉन की तरफ से बदला लिए जाने का डर होने की वजह से नाम न बताने की शर्त पर यह बात कही।
Foxconn ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। सवाल ये थे कि क्या उन्होंने भर्ती करने वालों को ये निर्देश दिए थे और क्या उन्होंने काम में शादीशुदा महिलाओं पर लगी पाबंदी हटाई है। Apple ने भी ऐसे ही सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। दोनों कंपनियों ने पहले ही कहा था कि फॉक्सकॉन भारत में शादीशुदा महिलाओं को काम पर रखता है। रॉयटर्स ये नहीं पता लगा पाया कि क्या फॉक्सकॉन ने इन पदों के लिए शादीशुदा महिलाओं की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया है। लेकिन हाल ही में विज्ञापन सामग्री में आए बदलाव भर्ती एजेंटों के बयानों से मेल खाते हैं।
रॉयटर्स ने एक नए फॉक्सकॉन टेम्पलेट विज्ञापन को देखा। इसमें स्मार्टफोन असेंबली के पदों का वर्णन था, लेकिन फॉक्सकॉन का नाम, उम्र, लिंग या शादीशुदा होने जैसे क्राइटेरिया का कोई जिक्र नहीं था। अक्टूबर में, रॉयटर्स ने श्रीपेरंबुदूर में विज्ञापनों को देखा। कुछ विज्ञापन तमिल भाषा में थे, जो दीवारों पर चिपके हुए थे और वॉट्सऐप पर घूम रहे थे। टेक्स्ट वेंडर को दिए गए टेम्पलेट से मिलता था। हालांकि विज्ञापनों में नियोक्ता की पहचान नहीं हुई थी, लेकिन तीन में से दो वेंडर सूत्रों ने बताया कि ये फॉक्सकॉन स्मार्टफोन असेंबली के पदों के लिए थे।
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