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कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को GIFT सिटी में मिली कैंपस खोलने की मंजूरी, ये होगा पहला कोर्स

कोवेंट्री यूनिवर्सिटी भारत के GIFT सिटी में ब्रांच खोलने के लिए अप्रूव किया गया पहला इंग्लिश यूनिवर्सिटी बन गई है, जो 2026 में शुरू होगी।

Coventry University / India's GIFT City/ Coventry University

 

कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में एक ब्रांच कैंपस स्थापित करने के लिए भारत के इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर अथॉरिटी (IFSCA) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। बता दें, GIFT सिटी कैंपस की शुरुआत 2026 होने की उम्मीद है, जहां वह अपने पहले छात्रों का स्वागत करेगा। बता दें, शुरुआत में इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट, बिजनेस और फाइनेंशियल में BSc ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। इसी के साथ भविष्य में और प्रोग्राम यूनिवर्सिटी में कराएं जाएंगे।

आपको बता दें, ये यह कदम कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ग्रुप के वैश्विक विस्तार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो पिछले पांच वर्षों में इंटरनेशनल कैंपस में इसके कुल नियोजित निवेश को £1 बिलियन तक ले जाएगा।  वर्तमान में यूनिवर्सिटी मिस्र, मोरक्को, चीन, कजाकिस्तान, सिंगापुर और नई दिल्ली में एक इंडिया हब में परिचालन चल रहा है।

कोवेंट्री यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर और ग्रुप के सीईओ प्रोफेसर जॉन लैथम, सीबीई ने कहा, "हमें खुशी है कि कोवेंट्री यूनिवर्सिटी गिफ्ट सिटी के लिए स्थापना प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है और हम जानते हैं कि आने वाले वर्षों में जब हम छात्रों के लिए अपने प्रोग्राम का विस्तार करेंगे और इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा छात्रों को होगा।

ब्रिटिश काउंसिल की एमबीई एलिसन बैरेट ने कहा कि यह कदम भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इससे हजारों छात्रों को लाभ होगा। "यह शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता पर जोर देता है, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उजागर किया गया है। आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा से हजारों छात्र लाभान्वित होंगे।

आईएफएससीए के अध्यक्ष के. राजारामन ने कहा कि यह परिसर गिफ्ट सिटी को वैश्विक उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बता दें, यह घोषणा पिछले महीने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में 13वीं यूके-भारत आर्थिक और वित्तीय वार्ता के दौरान की गई थी, जहां यूके की चांसलर रेचल रीव्स और भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रमुख उपस्थित थीं।

 

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