भारत के स्थायी मिशन ने ‘संयुक्त राष्ट्र और उससे परे डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दृष्टिकोण की कालातीत अपील’ शीर्षक से एक स्मारक कार्यक्रम आयोजित किया। / Permanent Mission of India, UN
भारत के स्थायी मिशन ने 14 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में डॉ. बी.आर. आंबेडकर की 134वीं जयंती मनाने के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र और उससे परे डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दृष्टिकोण की कालातीत अपील’ शीर्षक से एक स्मारक कार्यक्रम आयोजित किया।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री (MoS) रामदास अठावले ने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया। उन्होंने डॉ. आंबेडकर को पूरी मानवता के लिए एक प्रकाश स्तंभ और समानता, सम्मान और लोकतंत्र के लिए एक वैश्विक वकील के रूप में याद किया। उन्होंने डॉ. आंबेडकर के आदर्शों को परिवर्तनकारी कार्रवाई में बदलने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई कई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री (MoS) रामदास अठावले / Permanent Mission of India, UNसंयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने सभी के लिए प्रगति और खुशी की खोज पर ध्यान केंद्रित करते हुए आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और शहरीकरण का समर्थन किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों और राष्ट्र निर्माण के मूल सिद्धांत और देशों तथा लोगों के बीच संबंधों के निर्धारक के रूप में भाईचारे पर डॉ. आंबेडकर के जोर के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश / Permanent Mission of India, UN
इस अवसर अतिथि वक्ता हार्वर्ड डिविनिटी स्कूल में विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. संतोष राउत ने डॉ. आंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि 'लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है, बल्कि मुख्य रूप से सहभागी जीवन जीने का एक तरीका है, संयुक्त संचारित अनुभव है।' हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत संवैधानिक संरक्षण की आवश्यकता इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि अकेले राजनीतिक समानता सामाजिक पदानुक्रमों को दूर नहीं कर सकती।
न्यूयॉर्क शहर के मेयर के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यालय के लिए व्यापार, निवेश और नवाचार के उपायुक्त दिलीप चौहान ने घोषणा की कि न्यूयॉर्क के मेयर ने 14 अप्रैल 2025 को न्यूयॉर्क शहर में डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर दिवस के रूप में घोषित किया है।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बाबा साहेब का स्मरण। / Permanent Mission of India, UNडॉ. बी. आर. आंबेडकर भारत के महान सपूतों में से एक हैं। वे भारत के संविधान के प्रमुख निर्माता थे, जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। अपने पूरे जीवन में उन्होंने समानता, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के कारणों की वकालत की। इस कार्यक्रम ने उनकी दृष्टि की समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित किया और पुष्टि की कि उनके आदर्श आज भी कई लोगों को प्रेरित करते हैं।
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