संदीप सिंह सिद्धू / Sidhant Sibal via X
कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) के अधीक्षक संदीप सिंह सिद्धू ने भारत सरकार के खिलाफ 90 लाख डॉलर का मुकदमा दायर किया है। ग्लोबल न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार सिद्धू का आरोप है कि भारत सरकार ने उन्हें एक भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी के रूप में चित्रित किया, भारतीय मीडिया ने भी एक ऐसे दुष्प्रचार अभियान में साथ दिया जिससे उनका करियर पटरी से उतर गया और उनकी जान को खतरा पैदा हो गया।
सनी के नाम से मशहूर सिद्धू पहली बार तब जांच के घेरे में आए जब मीडिया रिपोर्टों में उन्हें कनाडा सरकार के वेतनभोगी आतंकवादी के रूप में पेश किया गया। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने बार-बार कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर चलाए जा रहे किसी भी दुष्प्रचार अभियान में शामिल होने से इनकार किया है।
उनका आरोप है कि भारत सरकार ने उन्हें एक भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी के रूप में चित्रित किया और उनके उपनाम और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी वर्दीधारी, सार्वजनिक भूमिका के कारण उन्हें निशाना बनाया गया।
मुकदमे में CBSAपर उनके साथ खड़े न होने और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय न करने का भी आरोप लगाया गया है। इसमें दावा किया गया है कि कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) ने मौत की धमकियों को 'गैर-कार्य संबंधी मामला' बताकर कम करके आंका और एक आक्रामक आंतरिक जांच शुरू करके जवाब दिया।
सिद्धू को निजता के अधिकार भी छोड़ने पड़े, उनकी पृष्ठभूमि की गहन जांच की गई और बिना वेतन के निलंबित कर दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें पूरी तरह से दोषमुक्त कर दिया गया और फिर से बहाल कर दिया गया। अब वह अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान, आय की हानि और मानसिक तनाव के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
सिद्धू ने ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट में आरोप दायर किए हैं और प्रारंभिक सुनवाई 2026 की शुरुआत में निर्धारित है।
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