कनाडा के प्रधानामंत्री जस्टिन ट्रूडो की एक गलतबयानी के बाद हिंदुओं के पवित्र प्रतीक स्वस्तिक की प्रतिष्ठा और पवित्रता की बहाली के लिए टोरंटो में एक अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान की शुरुआत की है COHHE (कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन) ने। इसके लिए बाकायदा पुलिस-प्रशासन और लोगों के साथ मिलकर मुहिम चलाई जा रही है।
COHHE ने दुनिया भर में 2 अरब से अधिक हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के पवित्र प्रतीक स्वस्तिक की प्रतिष्ठा बहाली के लिए एक सामुदायिक अभियान शुरू किया है। हिंदू संगठन का कहना है कि टोरंटो पुलिस ने स्वस्तिक को नफरत के प्रतीक के रूप में सूचीबद्ध किया है, जिसका उपयोग अपराध की श्रेणी में आता है। संगठन ने सोशल मीडिया X के माध्यम से एक संदेश टोरंटो पुलिस को टैग किया और साथ ही विभाग को इस बारे में एक पत्र भी लिखा है।
COHHE initiates a community compaign to reclaim the #Swastika, a symbol and word sacred to over 2 billion Hindus, Jains and Buddhists worldwide. @TorontoPolice has listed it as a hate symbol, the use of which is a criminal offence.
— CohheOfficial (@CohheOfficial) November 15, 2023
See our letter below and join our campaign.… https://t.co/tbO7GrD7Ah pic.twitter.com/Wxgki9i41T
COHHE (कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन) निदेशक विजय जैन ने एक पत्र के माध्य्म से टोरंटो पुलिस से आह्नान किया है कि संस्कृत में स्वस्तिक शब्द का अर्थ है सबका मंगल और कल्याण। स्वस्तिक और यह चिन्ह बहुत पवित्र है और हमारे मंदिरों, घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पूजा-पाठ के दौरान इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसका नफरत के नाजी प्रतीक हेकेनक्रूज या हुक्ड क्रॉस से कोई लेना देना नहीं है। हम अनुरोध करते हैं कि यहूदी विरोधी भावना, नफरत, कट्टरता, धमकी और नरसंहार के आह्वान के प्रतीक हुक्ड क्रॉस से स्वस्तिक को न जोड़ें क्योंकि स्वस्तिक का आशय यहां स्पष्ट कर दिया गया है।
गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थक निज्जर की कनाडा में हत्या और उसके बाद प्रधानामंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस मामले में भारत की संलिप्तता को लेकर दिये गये बयान के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया था। इस मामले को लेकर दोनों देशों के संबंध अब भी सामान्य नहीं हैं। इसी बीच इजराज-हमाल टकराव शुरू हो गया।
दुनिया के कई देशों में युद्ध की आपदा झेल रही फिलिस्तीनी जनता के समर्थन में प्रदर्शन होने लगे। ऐसा ही एक प्रदर्शन कनाडा में भी हुआ। प्रदर्शनकारी इजराइल की तुलना नाजियों से कर रहे थे और किसी के हाथ में नाजी चिन्ह हेकेनक्रूज या हुक्ड क्रॉस का पोस्टर था। इसे कनाडा के प्रधानामंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गलती से स्वस्तिक समझ लिया और इसके खिलाफ बयान दे दिया। तब हिंदू संगठनों ने खासा हंगामा किया था।
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