अमेरिका में हिंदू और भारतीय-अमेरिकी संगठनों के एक गठबंधन ने हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयान और कार्य करने का आरोप लगाते हुए न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के उम्मीदवार जोहरान ममदानी की कड़ी निंदा की है। 10 अक्टूबर 2025 को जारी एक ओपन लेटर में इन संगठनों ने कहा कि वे ममदानी के बयानों से हैरान और आहत हैं और उन्होंने हिंदू समुदाय के खिलाफ कट्टरता को बढ़ावा दिया है।
इस पत्र पर 20 से अधिक संगठनों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें Americans4Hindus, Vishwa Hindu Parishad of America (VHPA), Coalition of Hindus of North America (CoHNA), Association of Indians in America, और HinduPACT शामिल हैं। पत्र में लिखा गया कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन एक सार्वजनिक पदाधिकारी के रूप में आपको यह समझना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग किसी पूरे समुदाय को झूठी जानकारी के जरिए निशाना बनाने और उसके खिलाफ घृणा फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता।
यह विवाद उस समय उठा जब ममदानी ने अक्टूबर की शुरुआत में नवरात्रि के दौरान न्यूयॉर्क के फ्लशिंग इलाके के दो हिंदू मंदिरों BAPS स्वामीनारायण मंदिर और एक अन्य मंदिर का दौरा किया। कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि यह यात्रा उनके लिए अपनी मातृ पक्ष की हिंदू विरासत से जुड़ने का एक माध्यम है। उनकी मां प्रसिद्ध फिल्मकार मीरा नायर भारत में एक हिंदू परिवार में पैदा हुई थीं।
संगठनों ने अपने आरोपों के समर्थन में कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि 2020 की एक रैली में आयोजकों ने हिंदुओं को अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया था और कहा कि वे गौमूत्र पिएं। उस वक्त ममदानी भी वहां मौजूद थे।
पत्र के अनुसार ममदानी ने इन अमानवीय टिप्पणियों की निंदा नहीं की और न ही हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई। संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि ममदानी ने न्यूयॉर्क विधानसभा की पहली हिंदू सदस्य जेनिफर राजकुमार को हिंदू फासीवादियों की कठपुतली कहा था।
पत्र में कहा गया कि किसी सम्मानित जनप्रतिनिधि को फासीवादियों की कठपुतली बताना न केवल झूठा है, बल्कि यह हिंदू-विरोधी मानसिकता और षड्यंत्र सिद्धांतों को जन्म देता है।
नागरिकता संशोधन कानून पर बयान पर भी आपत्ति
पत्र में ममदानी की भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर की गई टिप्पणी का भी विरोध किया गया।
ममदानी ने कहा था कि यह मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश का पहला कदम है। संगठनों ने इसे भ्रामक और गलत कथानक बताते हुए कहा कि यह कानून वास्तव में पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों की मदद के लिए बनाया गया है।
पत्र में यह भी कहा गया कि ममदानी ने अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की और इसके बजाय ऐसी नीतियों का समर्थन किया जो हिंदुओं और भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाती हैं। ममदानी ने न्यूयॉर्क में जाति को एक संरक्षित श्रेणी के रूप में शामिल करने वाले कानून का भी समर्थन किया था।
पत्र में लिखा गया कि आपकी टिप्पणियों और रुख ने न्यूयॉर्क के कई हिंदू नागरिकों को गहरी पीड़ा पहुंचाई है। हमें आपके ऊपर हिंदू समुदाय के हितों को समझने और उनसे संवाद करने की कोई उम्मीद नहीं रही। संगठनों ने अंत में सभी राजनीतिक उम्मीदवारों से अपील की कि वे घृणा और भेदभाव के खिलाफ खड़े हों और सुनिश्चित करें कि न्यूयॉर्क सिटी सभी समुदायों के लिए स्वागतयोग्य बनी रहे।
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