अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जून महीने में एक प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें स्विचों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया था कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान के इंजन का ईंधन बंद कर दिया गया था। हादसे में जान गवांने वालों में कैप्टन सुमित सभरवाल भी शामिल थे। ऐसे में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को लेकर उनके पिता ने आपत्ति जताई है। उन्होंने जांचकर्ताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि बेटे पर ईंधन का स्विच बंद करने का आरोप लग रहा है। ऐसे में जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को लेकर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त विमान के कैप्टन के पिता ने कहा कि भारत के दुर्घटना जांच ब्यूरो के अधिकारी पिछले महीने उनसे मिलने आए थे और उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनके बेटे ने उड़ान भरने के बाद विमान के इंजन का ईंधन काट दिया था।
इस बीच दिवंगत कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कर राज सभरवाल ने पिछले हफ्ते फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) को ईमेल किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के अधिकारी 30 अगस्त को "संवेदना व्यक्त करने के बहाने" उनके घर आए थे। उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनके बेटे, कैप्टन सुमित सभरवाल, ने ही ईंधन बंद कर दिए थे।
सभरवाल ने यह ईमेल FIP को 17 सितंबर को किया था। जिसमें कहा गया, "इस बातचीत के दौरान... उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर, चुनिंदा सीवीआर (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) व्याख्या और तथाकथित 'स्तरित ध्वनि विश्लेषण' के आधार पर, इशारों में बात की और यह आरोप लगाया कि मेरे बेटे ने उड़ान भरने के बाद ईंधन नियंत्रण स्विच को रन से कटऑफ पर कर दिया था।"
वहीं इसको लेकर सभरवाल के पिता ने उड्डययन मंत्रालय को भी पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा कि इन "अटकलों" से उन्हें व्यक्तिगत पीड़ा हुई है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा एक और जांच से "सच्चाई की रक्षा करने और भविष्य के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने" में मदद मिलेगी।
एएआईबी के दौरे से एक दिन पहले, उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को 29 अगस्त को लिखे एक पत्र में भारत सरकार से इस घातक दुर्घटना की एक अतिरिक्त जांच शुरू करने का अनुरोध किया। उन्होंने जांचकर्ताओं द्वारा "चुनिंदा" जानकारी जारी करने की आलोचना की, जिससे उनके बेटे के कार्यों के बारे में अटकलें लगाई जा रही थीं।
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जून में अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद एयर इंडिया की उड़ान संख्या 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से बोइंग ड्रीमलाइनर में सवार 242 लोगों में से 241 और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई थी।
पारदर्शी जांच को समर्थन
भारत के विमानन सुरक्षा नियामक के पूर्व अधिकारी पुष्कर राज सभरवाल ने पायलट महासंघ को भेजे अपने ईमेल में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए समर्थन का अनुरोध किया है। उन्होंने जाँचकर्ता की कथित टिप्पणियों को "प्रक्रियात्मक रूप से अनुचित और पेशेवर रूप से अक्षम्य" बताया और पायलट संघ को भेजे ईमेल में लिखा, "मेरे बेटे की गरिमा और उचित प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए।"
जुलाई में AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पर एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया, "दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया, हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि किसने क्या कहा।"
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट रिकॉर्डिंग इस बात की पुष्टि करती है कि कैप्टन सभरवाल ने इंजनों में ईंधन का प्रवाह बंद कर दिया था। रॉयटर्स सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि प्रथम अधिकारी बोइंग 787 के नियंत्रण में था और उसने कैप्टन से पूछा कि उसने ईंधन स्विच को ऐसी स्थिति में क्यों रखा जिससे इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई और उसने कैप्टन से ईंधन का प्रवाह बहाल करने का अनुरोध किया।
वहीं एएआईबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चला कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के ईंधन इंजन के स्विच लगभग एक साथ रन से कटऑफ पर चले गए थे।
AAIB ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। गुरुवार को, टिप्पणी चाहने वाले रॉयटर्स के एक रिपोर्टर को बिल्डिंग की सुरक्षा ने रोक दिया और मुंबई स्थित पुष्कर राज सभरवाल के घर तक पहुंचने से मना कर दिया। एफआईपी ने AAIB के दौरे की निंदा की और कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री के समक्ष यह मामला उठाया गया है।
वहीं कैप्टन सी.एस. रंधावा ने रॉयटर्स को एक टेक्स्ट संदेश में बताया, "किसी भी अदालत में न्यायाधीश या अभियोजक पीड़ितों के घर नहीं जाते और न ही उनसे जिरह करते हैं।"
हालांकि भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया ने एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और मीडिया रिपोर्ट में दावों को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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