ADVERTISEMENTs

भारत में जरूरतमंदों तक पहुंचेगी सीधी मदद, सायम-वन स्टेप फाउंडेशन आए साथ

सायम अब वन स्टेप फाउंडेशन का प्रमुख फंडरेजिंग और सामुदायिक आउटरीच प्लेटफॉर्म बन गया है।

सायम ने वन स्टेप फाउंडेशन को 20 हजार डॉलर की स्पॉन्सरशिप दी है। / Image Provided

भारतीय-अमेरिकी टेक एक्सपर्ट दिनकर नागाला द्वारा स्थापित एआई संचालित दानदाता प्लेटफॉर्म 'सायम' ने अमेरिका के वन स्टेप फाउंडेशन के साथ साझेदारी का ऐलान किया है। इसका मकसद सीधे और पारदर्शी तरीके से समाज में बदलाव लाना है।  

यह घोषणा वन स्टेप रन 2025 इवेंट के बाद की गई जिसमें सायम ने स्पॉन्सर के रूप 20 हजार डॉलर (लगभग 16.5 लाख रुपये) का योगदान दिया। इस इवेंट के दौरान कुल 50 हजार डॉलर (लगभग 41.5 लाख रुपये) जुटाए गए। इसे नेपाल और दक्षिण एशिया में मोतियाबिंद सर्जरी के प्रोजेक्ट एसईई आदि में खर्च किया जाएगा।

ये भी देखें - क्रूज़ टूरिज्म से दुनिया को दिखेगा भारत का नया रूप

सायम अब वन स्टेप फाउंडेशन का प्रमुख फंडरेजिंग और सामुदायिक आउटरीच प्लेटफॉर्म बन गया है। यह दान की रकम को बिना किसी कटौती के सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाने का दावा करता है, जिसकी रियल टाइम ट्रैकिंग होती है और एआई की मदद से फ्रॉड से सुरक्षित किया जाता है।  

दक्षिण भारत में जन्मे और अमेरिका में टेक करियर बनाने वाले दिनकर नागाला ने कहा कि सायम सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं है, उन लोगों के लिए जीवनरेखा है जिन्हें मदद तो चाहिए लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि मदद कहां से मिलेगी। यह प्रोजेक्ट दान देने वालों और जरूरतमंद, दोनों को सशक्त बनाता है। 

वन स्टेप फाउंडेशन के बोर्ड मेंबर बाल जोशी ने कहा कि हमने यह रेस कैलोरी घटाने करने या फोटो पोस्ट करने के लिए नहीं की। हमारा मकसद लोगों को यह याद दिलाना था कि दयालुता सिर्फ एक भावना नहीं बल्कि क्रिया है। सायम से हमारी साझेदारी इस भावना को और मजबूती प्रदान करेगी।  

सायम की बोर्ड डायरेक्टर गीगी गुप्ता ने प्लेटफॉर्म की बिना बिचौलियों वाली प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि हमने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है जहां आपका सौ फीसदी दान सीधे जरूरतमंद तक पहुंचता है। बीच में कोई मध्यस्थ नहीं, कोई नौकरशाही नहीं होती, बस एक विश्वास होता है। पूरी रकम की रियल टाइम ट्रैकिंग की जाती है और एआई से सुरक्षित किया जाता है। 

Comments

Related