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मिलिए 17 साल ईशान श्रीवास्तव से, राजनीति की दुनिया में बनाई अलग पहचान

ईशान न केवल राजनीति पर बात करते हैं, बल्कि उन्होंने ज़मीनी स्तर पर भी सक्रिय भूमिका निभाई है।

ईशान श्रीवास्तव / image provided

सिर्फ 17 साल की उम्र में ईशान श्रीवास्तव ने अमेरिका के राजनीतिक जगत में अपनी खास जगह बना ली है। विस्कॉन्सिन के रहने वाले ईशान ने 2021 में “द ईशान एस. शो” नाम से एक पॉडकास्ट शुरू किया, ताकि राजनीति की जटिल दुनिया को आसान भाषा में समझा जा सके और युवाओं को इस चर्चा से जोड़ा जा सके। आज उनके शो के 100 से ज़्यादा एपिसोड हो चुके हैं और वह एक लोकप्रिय पॉडकास्टर, लेखक और युवा राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में पहचाने जाते हैं।

ईशान न केवल राजनीति पर बात करते हैं, बल्कि उन्होंने ज़मीनी स्तर पर भी सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने इलिनॉय में 2022 और 2024 के राज्य चुनाव अभियानों में काम किया और 2025 में विस्कॉन्सिन सुप्रीम कोर्ट के चुनाव के दौरान कॉलेज मतदाताओं को जागरूक करने की पहल की।

राजनीति पर अपने विचार साझा करने के साथ-साथ ईशान एक लेखक भी हैं। 2023 में उन्होंने “सेविंग क्रेसेंट्स” नामक किताब लिखी, जो एक राजनीतिक थ्रिलर है और लोकतंत्र बचाने की जद्दोजहद पर आधारित है।

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ईशान बताते हैं कि उन्होंने पॉडकास्ट इसलिए शुरू किया क्योंकि उन्हें लगा कि राजनीति पर युवाओं की भागीदारी बेहद कम है। “मेरे दोस्त राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानते थे और उन्हें लगता था कि इसका उनसे कोई लेना-देना नहीं। मैंने यही बदलने का निश्चय किया,” वे कहते हैं।

अपने शो में वे नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों से खुलकर बातचीत करते हैं। वे कहते हैं, मेरे लिए ईमानदारी और सच्चाई सबसे ज़रूरी है। मैं चाहता हूं कि लोग राजनीति को समझें, न कि उससे ऊबें।

इतनी कम उम्र में इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। ईशान मानते हैं कि शुरू में उन्हें इम्पोस्टर सिंड्रोम था- उन्हें लगता था कि वे अनुभवी लोगों के बीच खुद को साबित नहीं कर पाएंगे। वे मुस्कुराते हुए कहते हैं, “लेकिन मैंने सीखा कि उम्र नहीं, मेहनत और ईमानदारी से पहचान बनती है।

ईशान अब सोशल मीडिया पर भी अपने शो को लेकर सक्रिय हैं और “2026 वॉच” नाम से एक नया सेगमेंट चला रहे हैं, जिसमें वे अमेरिका के 2026 मिडटर्म चुनावों के उम्मीदवारों का इंटरव्यू करते हैं।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए उनका संदेश है- “टेक्नोलॉजी और बिज़नेस में हमने नाम कमाया है, अब समय है कि राजनीति और जनसेवा में भी अपनी आवाज़ बुलंद करें। अपनी पहचान को ताकत बनाएं और अपनी आवाज़ का इस्तेमाल करें — यही असली बदलाव है।”

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