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V-Empower के 25 साल: लोगों को जोड़ने और सशक्त बनाने का डिजिटल सफर

जब V-Empower शुरू हुई थी, तब इंटरनेट राजनीति और चुनावी अभियानों के लिए नया था।

अमेरिका के मैरीलैंड राज्य में दो दशक पहले शुरू हुई एक छोटी सी टेक कंपनी V-Empower आज 25 साल पूरे कर रही है। इस कंपनी की शुरुआत साल 2000 में हैदराबाद के उद्यमी शुकूर अहमद ने की थी। नाम के मुताबिक ही, इसका मकसद था — लोगों को सशक्त बनाना और तकनीक के ज़रिए उन्हें जोड़ना।

जब V-Empower शुरू हुई थी, तब इंटरनेट राजनीति और चुनावी अभियानों के लिए नया था। अमेरिकन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में पढ़ाई करने के बाद अहमद ने सोचा कि क्यों न नागरिकों और नेताओं के बीच की दूरी कम की जाए। इसी सोच से 2001 में कंपनी ने StateDemocracy.com शुरू किया — एक ऐसी वेबसाइट जो लोगों को बताती थी कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि कौन हैं और उनसे सीधे संपर्क कैसे करें। अहमद कहते हैं, जब हमने यह बनाया, तब ऐसा कोई टूल मौजूद नहीं था।

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भारत में भी कंपनी ने IndiaDemocracy.org नाम का प्रोजेक्ट शुरू किया, जिससे सांसदों और जनता के बीच संवाद आसान हुआ। इसके बाद WebLobbying.com जैसे टूल्स बनाए गए, जिनसे लोग ऑनलाइन जनआंदोलन चला सकते थे। 2004 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कंपनी के एप्लिकेशन वोटर रजिस्ट्रेशन और पोलिंग बूथ खोजने के काम आए।

लेकिन इतने सारे प्रयोगों में खर्च ज़्यादा था और कमाई कम। अहमद को जल्दी समझ आया कि सिर्फ प्रोडक्ट बनाकर टिकना मुश्किल होगा। तभी माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम करने का मौका मिला। 2004 से 2009 के बीच V-Empower ने माइक्रोसॉफ्ट को सुरक्षा और प्राइवेसी से जुड़े सॉल्यूशंस पर सलाह दी। इससे कंपनी का कंसल्टिंग बिज़नेस मज़बूत हुआ और एक स्थिर आय का जरिया बना। इसके बाद भी अहमद ने प्रयोग बंद नहीं किए। 2008 में कंपनी ने एक गोल्फ कोर्स गाइड टूल बनाया। मुनाफा तो ज़्यादा नहीं हुआ, लेकिन अहमद कहते हैं, हमने इससे सीखा कि कोशिश करते रहना जरूरी है।

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