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भारत में पहली बार प्रवासी मामलों का नया विभाग, वैश्विक साझेदारी को मिलेगी नई दिशा

यह कदम भारतीय राज्य महाराष्ट्र को 'ग्लोबल गेटवे स्टेट' के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है।

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस / image provided

भारतीय राज्य महाराष्ट्र में सरकार ने प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव और वैश्विक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब एक नया 'प्रोटोकॉल, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, प्रवासी मामलों एवं आउटरीच विभाग' स्थापित किया गया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय राज्य ने प्रवासी मामलों, प्रोटोकॉल और निवेश से जुड़ी गतिविधियों को एक ही विभाग के अंतर्गत जोड़ा है।

Deccan herald की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम राज्य के मौजूदा प्रोटोकॉल विभाग के पुनर्गठन के तहत उठाया गया है, जिससे महाराष्ट्र की वैश्विक भागीदारी और निवेश संभावनाओं को नई दिशा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उन्होंने इस विभाग की स्थापना को लेकर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से चर्चा की थी। फडणवीस ने कहा, 'यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल साबित होगी जो प्रवासी भारतीयों से अपने संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं।'

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पहली बार राज्य सरकार में IFS अधिकारी की नियुक्ति
इस विभाग के गठन के साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य ने भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी डॉ. राजेश गवांडे को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया है। यह किसी भी राज्य सरकार में पहली बार हुआ है कि एक IFS अधिकारी को इस भूमिका में लाया गया हो।

डॉ. गवांडे (2009 बैच) का संबंध अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) से है। उन्होंने इससे पहले मुंबई में रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर और ब्रांच सचिवालय प्रमुख के रूप में कार्य किया, साथ ही भारत के विदेशी मिशनों—नैरोबी, कंपाला और बर्लिन—में भी अपनी सेवाएं दीं।

‘डेवलप्ड महाराष्ट्र 2047’ विज़न डॉक्यूमेंट को भी मिली मंजूरी
इसी के साथ, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 29 अक्टूबर को 'डेवलप्ड महाराष्ट्र 2047' नामक विज़न डॉक्यूमेंट को भी मंजूरी दी है। इसमें राज्य के आर्थिक और विकासात्मक लक्ष्यों को तीन चरणों—2030, 2035 और 2047—के लिए तय किया गया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि यह योजना ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप तैयार की गई है। उन्होंने कहा, 'राज्य के सभी विभागों ने मिलकर लगभग 7 लाख हितधारकों से सुझाव लिए हैं। उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर यह योजना तैयार की गई है।'

इसके लिए एक 'विज़न मैनेजमेंट यूनिट' गठित की जाएगी, जो योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखेगी। इस रोडमैप को तैयार करने में कृषि, उद्योग, पर्यटन, शासन, और तकनीक सहित 16 क्षेत्रों के विशेषज्ञ समूहों ने भागीदारी की।

राज्य की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का संकेत
प्रवासी मामलों का नया विभाग और 2047 का विज़न डॉक्यूमेंट—दोनों ही कदम यह दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र अब न सिर्फ निवेश और उद्योग के क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक साझेदारी और प्रवासी भारतीय जुड़ाव के मोर्चे पर भी देश का नेतृत्व करना चाहता है।

 

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