ट्रम्प सरकार की H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि की यूएस में कई समूहों ने आलोचना की है। भारतीय मूल के संगठन इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट ने इस वीजा कार्यक्रम की नीति को अप्रवासी कार्यबल पर हमला बताया और याद दिलाया कि किस प्रकार वे (अप्रवासी) अमेरिकी प्रतिस्पर्धा में योगदान दे रहे हैं।
संगठन ने 22 सितंबर को जारी एक बयान में कहा कि H-1B नीति के कार्यकारी आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि वीजा में शुल्क वृद्धि कामगारों को अतिरिक्त बोझ है। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष चिंतन पटेल ने एक बयान में कहा, "डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा पर लगाया गया 1,00,000 डॉलर का शुल्क उन्हीं कामगारों और समुदायों पर सीधा हमला है जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था और नवाचार को गति देते हैं। यह कार्यकारी आदेश खासकर विदेश में काम कर रहे या चिकित्सा आपात स्थिति में परिवार से मिलने जा रहे पेशेवरों की समस्या बढ़ाने वाला है।"
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