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महाकुंभ में 42 करोड़ भक्तों ने लगाई डुबकी, अमेरिका-कनाडा की आबादी से भी ज्यादा

कुंभ का मेला हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। छह सप्ताह तक इसका आयोजन किया जाता है।

भीड का यह अनुमान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों के जरिए लगाया गया है। / X @MahaKumbh_2025

भारत के प्रयागराज में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ में अब तक 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। सरकार ने यह जानकारी दी है। इतनी संख्या अमेरिका और कनाडा की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। 

आयोजकों के अनुसार, यह अनुमान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों के जरिए लगाया गया है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या को स्वतंत्र रूप से वेरिफाई करना संभव नहीं है। भारत के 140 करोड की आबादी वाले भारत के लिए भी यह एक चौंकाने वाला तथ्य है।

भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के अनुसार, पवित्र त्रिवेणी, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों का संगम होता है, वहां कुंभ के दौरान अब तक 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। 

कुंभ का मेला हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। छह सप्ताह तक इसका आयोजन किया जाता है। अभी इसमें दो सप्ताह बाकी हैं। यह 26 फरवरी को औपचारिक रूप से समाप्त होगा।

भारत में धर्म और राजनीति गहराई से जुड़े हैं। आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी छवि को मजबूत करने के लिए महाकुंभ को इतना बढ़ावा दिया जा रहा है। मोदी खुद भी संगम में स्नान कर चुके हैं। उनके करीबी सहयोगी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयोजन की कमान संभाल रहे हैं।

आयोजकों का कहना है कि भीड़ मैनेज करने के लिए अत्याधुनिक कैमरे, ड्रोन और एआई सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद 29 जनवरी को एक भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक घायल हो गए। इस हादसे ने योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के आयोजन प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

महाकुंभ हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जिसमें देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत कलश के लिए युद्ध का वर्णन है। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।

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