भारतीय मूल के लोगों के वैश्विक संगठन (GOPIO) ने इस महीने की दूसरे सप्ताह यानी 12 जुलाई से एक वेबिनार श्रंखला की शुरुआत की थी। जिसमें वैश्विक स्तर पर उथल- पुथल के बीच प्रवासी भारतीयों की चुनौतियों पर वकालत और भविष्य के प्रभाव के लिए प्रकाश डाला गया। वेबिनार का विषय "भारतीय प्रवासी और आव्रजन उथल-पुथल - आगे का रास्ता" था। वेबिनार की शुरुआत वेबिनार श्रृंखला के अध्यक्ष व GOPIO के एसोसिएट सेक्रेटरी सुनील वुप्पला जो GOPIO के एसोसिएट सेक्रेटरी भी हैं के स्वागत भाषण के साथ हुई। कार्यक्रम में अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में आव्रजन नीति के बदलते परिदृश्य का अध्ययन करने के लिए प्रमुख आव्रजन वकील, नीति निर्माता और सामुदायिक विचारक एकत्रित हुए।
GOPIO के इस वेबिनार में का संचालन विलियम पैटरसन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटस और विदेश संबंध परिषद की स्थायी सदस्य, प्रसिद्ध विचारक व शोधकर्ता डॉ. माया चड्डा ने दिया। इसमें भारतीय छात्रों और प्रवासियों के सामने आने वाले कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें वीजा बकाया और प्रतिबंधात्मक सुधारों से लेकर अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्य नीतियों के सुझाव भी शामिल किए गए।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login