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भारतीय कंपनी वाडीलाल इंडस्ट्रीज अब US में बनाएगी आइस्क्रीम

भारत की वाडीलाल इंडस्ट्रीज की अमेरिकी इकाई अब स्थानीय स्तर पर आइसक्रीम बनाने जा रही है।

वाडीलाल इंडस्ट्रीज की अमेरिकी इकाई आयात कम करने के लिए की जा रही है। / Reuters

यूएस की ओर भारतीय वस्तुयों पर आयात कर में वृद्धि 50 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद भारतीय मूल के उद्योगपति विकल्पों  की तलाश कर रहे हैं। ऐसे वाडीलाल इंडस्ट्रीज का नयै पैंतरा बेहद खास है। दरअसल, यह कदम कंपनी ने बढ़े आयात शुल्क से बचने के लिए अब यूएस में वालीडाल अपने प्रोडक्ट्स बनाने जा रहा है। 

ठीक एक दिन पहले इसको लेकर बयान में वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने कहा, आयात पर निर्भरता कम करने और बिक्री बढ़ाने के लिए और अपने स्थानीय संयंत्र में आइसक्रीम का निर्माण शुरू कर देगी। वाडीलाल इंडस्ट्रीज यूएसए वर्तमान में अपने अधिकांश उत्पाद भारत से आयात करती है। 

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक का टैरिफ लगा दिया था, जिससे परिधानों से लेकर फ्रोजन झींगा तक, हर तरह के निर्यातकों में खलबली मच गई  थी। जॉनसन एंड जॉनसन और एडिडास से लेकर सोनी तक, दुनिया भर की कंपनियों ने देशों पर टैरिफ के कारण अरबों डॉलर के वित्तीय नुकसान की आशंका जताई है।

2009 में स्थापित ब्रिस्टल, पेंसिल्वेनिया स्थित यह सहायक कंपनी, देश भर के स्टोरों में अपने उत्पाद वितरित करती है और वाडीलाल इंडस्ट्रीज के कुल कारोबार का लगभग एक तिहाई हिस्सा इसी कंपनी के पास है।

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वाडीलाल इंडस्ट्रीज यूएसए के सीईओ श्रेष्ठ झावर ने रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "अमेरिका में हमारे विनिर्माण (का विस्तार) से हमें भारत से टैरिफ और समग्र आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ने वाले प्रभावों से बचत के मामले में महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा।"

झावर ने कहा कि अमेरिकी संयंत्र के दिसंबर तक परिचालन शुरू होने और अप्रैल तक पूर्ण आइसक्रीम उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

झावर ने कहा, हमें बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा और अमेरिकी इकाई लागत पर टैरिफ के चलते आने वारे असर को कम करेगा। 

गुजरात के अहमदाबाद स्थित इस मूल कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वर्ष के लिए परिचालन से 10.11 अरब रुपये (114.55 मिलियन डॉलर) का राजस्व अर्जित किया था। 

झावर ने इस संयंत्र में निवेश के आकार का खुलासा नहीं किया, जिसका उपयोग वाडीलाल इंडस्ट्रीज यूएसए भविष्य में निर्यात के लिए करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सहायक कंपनी, जिसने टैरिफ चुनौतियों की आशंका में कई महीने पहले ही अपनी शिपमेंट आगे बढ़ा दी थी, चालू वित्त वर्ष में 20% की राजस्व वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। 

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