पीयूष गोयल / Image - X @PiyushGoyal
भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को लेकर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा बयान दिया है। 50 प्रतिशत टैरिफ के बावजूद जहां एक दिन पहले भारत ने एलान करते हुए बताया कि अमेरिका भारत की कुल LPG जरूरतों का लगभग 10% आपूर्ति करेगा, वहीं अब पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग लगातार गहरा होता जा रहा है।
गोयल ने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी मजबूत, स्थिर और विस्तारशील है और इसकी दिशा को लेकर किसी भी तरह की चिंता की कोई वजह नहीं है। गोयल 18 नवंबर को नई दिल्ली में हुए आयोजित इंडो–यूएस इकोनॉमिक समिट को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) ने किया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और समान विकास लक्ष्यों पर आधारित हैं।
अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं पर उन्होंने कहा कि बातचीत एक सतत प्रक्रिया है और भारत को अपने किसानों, मछुआरों, छोटे उद्योगों और कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत को एक भरोसेमंद और दीर्घकालिक साझेदार के रूप में देखता है और दोनों देश व्यापार और निवेश को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अब तक दोनों देशों के बीच छह दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। पहली फेज में पारस्परिक टैरिफ, बाजार तक पहुंच और अमेरिकी पेनल्टी ड्यूटी की वापसी जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन पर नवंबर 2025 के अंत तक अंतिम रूप देने की उम्मीद जताई जा रही है।
गोयल ने बताया कि भारत में इस समय 2,000 से अधिक अमेरिकी-लिंक्ड ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) काम कर रहे हैं जो इंजीनियरिंग, फाइनेंस, रिसर्च और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं।
उन्होंने सरकार की नई पहलों का उल्लेख किया, जिनमें 1.1275 बिलियन डॉलर का स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स और 11.28 बिलियन डॉलर का R&D कॉर्पस शामिल हैं जो अमेरिका के साथ अनुसंधान और नवाचार साझेदारी को और गति देंगे।
गोयल ने कहा कि भारत का विकास–मार्ग, विशेषकर अमृतकाल 2047 का लक्ष्य, अमेरिका के उस दृष्टिकोण से मेल खाता है जिसमें वह उच्च-विकास वाले, स्थिर और विश्वसनीय साझेदारों के साथ काम करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि मजबूत बैंकिंग सिस्टम, नियंत्रित मुद्रास्फीति, वित्तीय अनुशासन और बढ़ती उपभोक्ता मांग ने भारत को एक विश्वसनीय और दीर्घकालिक आर्थिक साझेदार के रूप में स्थापित किया है। अमेरिका भी अपनी सप्लाई चेन को भरोसेमंद बाजारों की ओर स्थानांतरित करने की दिशा में भारत को प्राथमिकता दे रहा है।
आखिर में गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक-दूसरे के साथ मिलकर दीर्घकालिक आर्थिक अवसरों को अनलॉक कर सकते हैं, बशर्ते दोनों देश अपने साझा लक्ष्यों पर लगातार काम करते रहें।
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