दक्षिण कोरिया की स्टील दिग्गज कंपनी POSCO एक बार फिर भारत में किस्मत आज़माने उतरी है। करीब एक दशक पहले ओडिशा में असफल निवेश और भारी विरोध झेलने के बाद अब कंपनी ने JSW Steel के साथ हाथ मिलाकर 6 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) का इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट लगाने के लिए एक नॉन-बाइंडिंग एग्रीमेंट किया है। संभावना है कि इस बार भी ओडिशा ही प्लांट का गंतव्य बनेगा।
POSCO का पिछला 12 बिलियन डॉलर का ओडिशा प्रोजेक्ट (2005–2017) भारतीय औद्योगिक नीतियों की सबसे बड़ी विफलताओं में गिना जाता है। किसानों और स्थानीय समुदायों के विरोध, पर्यावरणीय मुकदमों और राजनीतिक अनिर्णय के चलते कंपनी को पीछे हटना पड़ा था।
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किसानों ने ज़मीन और जंगल छोड़ने से साफ इनकार कर दिया। पर्यावरणीय क्लियरेंस सालों तक उलझे रहे। सरकार स्थानीय सहमति बनाने में नाकाम रही। नतीजा यह हुआ कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी स्टील कंपनी को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा, जिससे भारत में विदेशी निवेशकों का भरोसा भी डगमगा गया।
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