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भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जाएंगे सऊदी अरब, निवेश और आर्थिक संबंधों को देंगे मजबूती

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के 8वें संस्करण में भी भाग लेंगे। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक मंच है।

भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 29-30 अक्टूबर को सऊदी अरब का दौरा करेंगे। यात्रा का उद्देश्य भारत-सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाते हुए व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाशना है। ये क्षेत्र भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक उपस्थिति को दर्शाते हैं। 

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पीयूष गोयल रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के 8वें संस्करण में भी भाग लेंगे। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक मंच है जो वैश्विक नेताओं, निवेशकों और नवप्रवर्तकों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है।

गोयल यात्रा के दौरान रियाद में लुलु हाइपरमार्केट में दिवाली उत्सव का उद्घाटन करेंगे और भारतीय समुदाय, भारतीय मूल के चार्टर्ड अकाउंटेंट और भारतीय प्रवासियों से बातचीत करेंगे। गोयल भारतीय दूतावास में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) भित्ति का भी अनावरण करेंगे जिससे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय शिल्प कौशल को विश्व स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

पीयूष गोयल की 8वें एफआईआई की यात्रा कारोबार को आगे बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने का ठोस आधार तैयार करेगी। उनकी भागीदारी भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि, सतत विकास, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर भारत के फोकस, अक्षय ऊर्जा, डिजिटल बुनियादी ढांचे और एडवांस मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में अपार अवसरों को उजागर करेगी।

मंत्रालय के मुताबिक, गोयल अपनी सऊदी यात्रा के दौरान प्रमुख वैश्विक निवेशकों से भी मिलेंगे। इन मुलाकातों का उद्देश्य निवेशकों का विश्वास मजबूत करना, निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाना और मेक इन इंडिया पहल के साथ भारत को एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। 

मंत्री ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन और व्यापार सुविधा में सहयोगी प्रयासों पर चर्चा के लिए सऊदी अरब के वाणिज्य मंत्री, उद्योग व खनिज संसाधन मंत्री, निवेश मंत्री और ऊर्जा मंत्री सहित प्रमुख मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। 

गोयल भारत-सऊदी रणनीतिक भागीदारी परिषद के तहत अर्थव्यवस्था और निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे जिसमें कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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