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रूस संग एयरोनॉटिक्स डील, भारत में पहली बार बनेगा पैसेंजर विमान

HAL–UAC समझौता भारत के विमानन इतिहास में एक बड़ा कदम है। यह भारत की ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ की नीति को और भी चर्चा में ला सकता है।

HAL लोगो / Courtesy: Wikipedia

भारत की सरकारी एयरोनॉटिक्स कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने 28 अक्टूबर को रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) के साथ एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह डील ऐसे समय में हुई है जब रूस पर अमेरिका और यूरोप के कड़े प्रतिबंध लागू हैं—और यही वजह है कि यह कदम भारत के पश्चिमी सहयोगियों को नाराज कर सकता है।

इस समझौते के तहत HAL भारत में पहली बार सिविल पैसेंजर एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स (X) पर इसे भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 'ऐतिहासिक कदम' बताया, जो रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।

अमेरिका-यूरोप को अखर सकती है डील
अमेरिका और उसके सहयोगी देश लंबे समय से रूस पर लगे अपने प्रतिबंधों का पालन करने के लिए भारत पर दबाव डालते रहे हैं। लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि वह किसी भी 'एकतरफा प्रतिबंध नीति' का समर्थन नहीं करता।

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भारत में बनेगा एसजे-100 विमान
मॉस्को में हस्ताक्षरित इस समझौते के तहत HAL और UAC मिलकर SJ-100 ट्विन-इंजन नैरो-बॉडी पैसेंजर एयरक्राफ्ट का निर्माण करेंगे। ये विमान भारतीय घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करेंगे। HAL ने सोशल मीडिया पर बताया कि यह 'पहली बार होगा जब भारत में पूरी तरह से एक पैसेंजर एयरक्राफ्ट का निर्माण किया जाएगा।' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और HAL दोनों ने इसे शॉर्ट-हॉल कनेक्टिविटी के लिए गेम-चेंजर बताया।

रूस के साथ रिश्तों का संकेत
यह सौदा भारत और रूस के बीच रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में जारी करीबी रिश्तों को भी रेखांकित करता है। पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद, भारत ने रूस से तेल आयात जारी रखा है।

अमेरिका की नाराज़गी और ट्रम्प की टिप्पणी
अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ बढ़ा दिया था और भारत पर रूस के युद्ध को 'आर्थिक रूप से मदद' देने का आरोप लगाया था। ट्रम्प ने हाल ही में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संभावित व्यापार समझौते के तहत रूसी तेल आयात घटाने पर सहमति जताई है, हालांकि भारत सरकार की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

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