भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे पूरी तरह गलत हैं। उनका कहना है कि भारत तेल का मुनाफाखोर नहीं बना बल्कि इसके जरिए उसने वैश्विक बाजार को स्थिर किया और तेल की कीमतों को 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से रोका।
अमेरिका ने लगातार भारत की रूस से तेल खरीद पर सवाल उठाए हैं। ट्रम्प प्रशासन ने भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया हुआ है ताकि भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदने से रोका जा सके। हाल ही में अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूस से सस्ता तेल लेकर उसे महंगे दामों पर बेच रहा है। वहीं व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत की खरीदारी से रूस को युद्ध के लिए फंडिंग मिल रही है।
पुरी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ आलोचक कहते हैं कि भारत रूस का तेल रिफाइनिंग करके आगे बेच रहा है। यह पूरी तरह गलत है। हर एक ट्रांजैक्शन कानूनी, पारदर्शी और ऑडिटेड चैनल्स के जरिए होता है।
उन्होंने बताया कि रूसी तेल पर वैसे प्रतिबंध नहीं हैं जैसे ईरान या वेनेजुएला पर लगे थे। G-7 और यूरोपीय यूनियन ने केवल प्राइस कैप सिस्टम लगाया है ताकि तेल की सप्लाई बनी रहे और रूस की कमाई सीमित रहे।
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर रहे हैं। गौरतलब है कि रूस से समुंद्री रास्ते से तेल खरीदने में भारत दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है।
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