फिनलैंड को भारतीय प्रतिभाओं की जरूरत है, जो अपनी बूढ़ी हो रही आबादी की वजह से युवाओं की तलाश में है। इसे देखते हुए फिनलैंड ने छात्रों, शोधकर्ताओं के लिए अवसरों के केंद्र के रूप में खुद को तैयार किया है। हेड ऑफ वर्क इन फिनलैंड के वरिष्ठ निदेशक लौरा लिंडमैन ने एक इंटरव्यू में 'फिनलैंड में काम' और 'टैलेंट बूस्ट' जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जो विश्व स्तर पर कुशल और तकनीक-प्रेमी पेशेवरों के आने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फिनलैंड वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए प्रतिबद्ध है जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं को दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ संबंध बनाने में योगदानकर्ताओं के रूप में देखता है। मानव पूंजी के महत्व को पहचानते हुए फिनलैंड का उद्देश्य एक विविध वर्कफोर्स को आकर्षित करना, नए प्रयोग के साथ कंपनी के विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि फिनलैंड 2030 तक साला 15,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने और प्रति वर्ष 30,000 तक कार्य-आधारित प्रवासन के स्तर को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि हेलसिंकी के इमिग्रेशन अफेयर्स के डायरेक्टर ग्लेन गैससेन ने जुलाई में एक इंटरव्यू में कहा था, देश को श्रम बाजार में शामिल होने के लिए ज्यादा युवाओं की जरूरत है। इसकी वजह यह है कि फिनिश सोसाइटी बूढ़ा होता जा रहा है।
लिंडमैन ने कहा कि हम भारत को अपने फोकस देशों में से एक के रूप में देखते हैं और अपनी साझेदारी को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, भारत में युवा आबादी बढ़ रही है और बहुत सारी प्रतिभाएं हैं। फिनलैंड का भारतीय छात्रों, शोधकर्ताओं, उद्यमियों और पेशेवरों के साथ उत्कृष्ट अनुभव रहा है। फिनलैंड में एक सक्रिय भारतीय व्यापार समुदाय है और हमने देखा है कि भारतीय तेजी से बहुत सफल होते हैं।
लिंडमैन इस बात से सहमत हैं कि भारत 2019 के बाद से सबसे बड़ी संख्या में प्रतिभाओं को आकर्षित करने वाला फिनलैंड का नंबर एक लक्ष्य देश रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विशेषज्ञ भारतीय हैं। फिनलैंड में नौकरी देने वाले भारतीय प्रतिभाओं से परिचित हैं और अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी होने के कारण भारतीय यहां सहज महसूस करते हैं।
फिनिश आबादी की बढ़ती उम्र को देखते हुए फिनलैंड विशेष रूप से आईसीटी सेक्टर, डिजिटलीकरण के साथ सामाजिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में प्रतिभा की तलाश कर रहा है। सरकार सक्रिय रूप से स्टार्टअप का समर्थन कर रही है। स्थिरता, पारदर्शिता और संसाधनों की पेशकश कर रही है।
व्यापक 'टैलेंट बूस्ट' कार्यक्रम के तहत संचालित 'वर्क इन फिनलैंड' (workinfinland.com) पहल, एक केंद्रीय मंच के रूप में काम करती है, जो नौकरी, रहने की स्थिति और फिनलैंड में स्थानांतरित होने के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करती है। लिंडमैन ने अंतरराष्ट्रीय भर्ती में मार्गदर्शन, कोचिंग, फंडिंग को लेकर तमाम तरह की सुविधा प्रदान करने की बात कही।
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