अनिल अंबानी / Courtesy: Wikipedia
भारत की शीर्ष वित्तीय अपराध जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा है कि उसने भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों की 7,500 करोड़ रुपये (846 मिलियन डॉलर) से अधिक मूल्य की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच के तहत की गई है।
अनिल अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं। अनिल अंबानी की व्यापारिक रुचि बिजली से लेकर रक्षा तक कई क्षेत्रों में फैली हुई है। हालांकि पिछले दो दशकों में उनकी आर्थिक स्थिति लगातार गिरती गई है। हाल के महीनों में इस उद्योगपति पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाहें बढ़ी हैं। जांचकर्ताओं ने उन पर बैंक ऋण की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच शुरू की है।
3 नवंबर की शाम को ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि ईडी ने कार्यालय परिसर, आवासीय संपत्तियों और 132 एकड़ (53 हेक्टेयर) से अधिक भूमि सहित 75 अरब रुपये से अधिक की संपत्तियां फ्रीज कर दी हैं। यह कार्रवाई ईडी की चल रही जांच का हिस्सा है।
एजेंसी ने कहा कि उसने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा सार्वजनिक धन के धोखाधड़ीपूर्ण दुरुपयोग का पता लगाया है और वह इन अपराधों की आय को उनके वास्तविक दावेदारों को वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। ईडी ने यह भी बताया कि उसने अपनी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा अगस्त में दर्ज की गई एक आपराधिक शिकायत के आधार पर शुरू की है।
इस पर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 3 नवंबर को एक बयान में कहा कि ईडी का यह कदम कंपनी के व्यवसाय संचालन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। बता दें कि सीबीआई की यह जांच भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा दर्ज एक शिकायत से शुरू हुई थी जिसमें बैंक ने दावा किया था कि रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा धन का दुरुपयोग किए जाने के कारण उसे 2,929 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
एक रिलायंस प्रवक्ता ने उस समय कहा था कि उद्योगपति सभी आरोपों और मामलों का दृढ़ता से खंडन करते हैं और अपने बचाव में पूरी तरह सहयोग करेंगे।
अनिल अंबानी आखिरी बार सार्वजनिक सुर्खियों में 2018 में आए थे जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन पर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद में गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। इन आरोपों को दोनों पक्षों ने सख्ती से खारिज किया था। मालूम हो कि दिसंबर 2018 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच की मांग को खारिज कर दिया था।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login