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20 वर्षीय भारतीय मूल के फाउंडर ने Supermemory AI के लिए जुटाए $3 मिलियन

अपने सपने को साकार करने के लिए शाह ने कॉलेज छोड़ दिया थे और San Francisco चले गए थे।

ध्रव्य शाह / Dhravya Shah via X

20 वर्षीय भारतीय मूल के युवा ध्रव्य शाह ने अपने स्टार्टअप Supermemory AI के लिए लगभग 3 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है। एरिजोना के कॉलेज ड्रॉपआउट शाह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक नया कदम बढ़ाया है। शाह का लक्ष्य मशीनों को याद रखने की क्षमता देना है।

ध्रव्य का कहना है कि मानव जैसी बुद्धिमत्ता वाली AI बनाने के लिए तीन चीजें जानकारी, जानकारी को प्रोसेस करने की क्षमता और नई जानकारी को याद रखने की शक्ति जरूरी हैं। इसी तीसरे हिस्से को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने Supermemory AI की नींव रखी है।

 



Supermemory AI का मकसद उन दिक्कतों को हल करना है जिनसे मौजूदा AI मॉडल्स जूझते हैं। यानी ये मॉडल जानकारी तो रखते हैं लेकिन उसे याद नहीं रख पाते। उनकी कंपनी ऐसा सिस्टम बना रही है जो न सिर्फ डेटा याद रख सके बल्कि जरूरत पड़ने पर उसे भूल या दोबारा याद भी कर सके। ठीक इंसान की तरह।

शाह ने Supermemory की शुरुआत कॉलेज के दिनों में एक बुकमार्किंग और नोट-टेकिंग टूल के रूप में की थी। लेकिन जब उन्होंने देखा कि बड़े AI मॉडल्स में मेमोरी को लेकर कमी है तो उन्होंने खुद का vector database (memory store) और data organizing engine बनाया।

इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और San Francisco चले गए। उन्होंने X पर लिखा कि मुझे खुशी है कि हमारे पास दुनिया के सबसे तेज और बेहतरीन मेमोरी प्रोडक्ट्स में से एक है। सैकड़ों कंपनियां और डेवलपर्स Supermemory पर अपने ऐप बना रहे हैं और ये तो बस शुरुआत है।

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