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महाकुंभ की दिव्य भव्यता के बीच गंगासागर मेले के राष्ट्रीय दर्जे की मांग उठी, दुर्लभ तीर्थयात्राओं में पहुंच रहे लाखों प्रवासी

12 साल में लगने वाले महाकुंभ के चलते इस साल मकर संक्रांति पर गंगा सागर में लगने वाली पुण्य डुबकी पर श्रद्धालुओं की संख्या में उतनी भीड़ नहीं नजर आ रही है। 

गंगासागर मेला और महाकुंभ / https://kumbh.gov.in/

भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्रमश: महाकुंभ और गंगासागर मेले का आयोजन होना है। इसे लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) में राजनीति शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी का आरोप है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महाकुंभ को लेकर पूरा ध्यान दे रही है, लेकिन बंगाल में गंगासागर मेले को लेकर उसका सुस्त रवैया है। बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है कि 12 साल में लगने वाले महाकुंभ के चलते इस साल मकर संक्रांति पर गंगा सागर में लगने वाली पुण्य डुबकी पर श्रद्धालुओं की संख्या में उतनी भीड़ नहीं नजर आ रही है। 

इससे उलट बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने पवित्र स्नान की तैयारी पूरी कर ली है। 14 जनवरी को गंगा सागर में श्रद्धालुगण पवित्र स्नान करेंगे। इसके लिए दुनियाभर से भारतीय प्रवासी भी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। 

गंगासागर मेले को मिले राष्ट्रीय दर्जा
महाकुंभ और गंगासागर मेले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल के मंत्री भी इसी बात पर कायम हैं कि "कुंभ मेला भी आस्था का प्रतीक है, तो फिर गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा क्यों नहीं दिया जाता है।"

पीएम मोदी प्रवासियों से की थी अपील
 गंगासागर और कुंभ मेला ऐतिहासिक हिंदू आस्था के लिए खास आयोजन हैं। ये आयोजन हर दूसरे वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन के साथ मेल खाते हैं। इस बार ओडिशा में संपन्न हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासियों से महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश के शहर प्रयागराज आने और "144 वर्षों के बाद हो रहे इस दुर्लभ आध्यात्मिक प्रवास" में शामिल होने का आग्रह किया था।

विज्ञापनों पर भी छिड़ा संग्राम
गंगासागर मेले को लेकर बंगाल की सरकार और महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अखबारों में दो-दो पेज के विज्ञापन दिए हैं। '' उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा शुरू किया गया मीडिया ब्लिट्जक्रेग उनके मतदाताओं, विशेषकर बहुसंख्यक हिंदू समुदाय के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए उनकी सार्वजनिक पहुंच नीतियों के तहत हो सकता है। 

 पश्चिम बंगाल सरकार के विज्ञापन में कहा गया है कि भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी आध्यात्मिक मंडली की राह पर, मेले की कालातीत परंपराओं को संरक्षित करने के अपने प्रयासों में, त्योहार की एक बार की जोखिम भरी यात्रा अब सुरक्षित और आसान हो गई है। सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कई पहल की हैं।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि अनगिनत भक्त इस भव्य समागम का सम्मान करते हैं। 26 फरवरी तक चलने वाले कुंभ मेले में 15 लाख प्रवासी भारतीयों सहित 40 करोड़ से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और यात्रियों के लिए एक शानदार अनुभव के उद्देश्य से, यूपी सरकार ने इस विशाल समागम के लिए प्रयागराज में सुरक्षा, यात्रा और अन्य सार्वजनिक-केंद्रित सेवाओं और सुविधाओं के लिए एआई-आधारित रणनीतियों की योजना बनाई और विकसित की है।

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