वजन घटाने की राह अक्सर गलत जानकारियों, झटपट उपायों और चलन में चल रहे फैशन से घिरी रहती है। इससे निपटने और सही जानकारी से आपको लैस करने में आपकी मदद के लिए हमने प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह ली है।
यहां भारतीय अमेरिकी समुदाय में प्रचलित वजन घटाने से जुड़े पांच प्रमुख मिथकों के बारे में हम बात करेंगे। स्वस्थ भोजन और व्यायाम संबंधी निर्णय लेने के लिए इस गाइड को बुकमार्क करें!
मिथक 1: वजन कम करने के लिए चावल और रोटी नहीं खानी चाहिए
भारतीय समुदाय में कई लोगों के लिए चावल या रोटी जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों के बिना भोजन अधूरा है। यह मिथक कि ये कार्बोहाइड्रेट स्वाभाविक रूप से मोटापा बढ़ाते हैं, कई लोगों को इन्हें पूरी तरह से छोड़ने पर मजबूर कर रहा है और अक्सर इनकी जगह वे लोग कम संतोषजनक, प्रसंस्कृत विकल्प अपना रहे हैं।
हकीकत: कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। समस्या कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नहीं, बल्कि उसके सेवन की मात्रा और उसे खाने के तरीके में है। इन खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से न खाने के बजाय साबुत अनाज और मात्रा नियंत्रण पर ध्यान दें। साबुत गेहूं की रोटी और ब्राउन राइस में फाइबर होता है, जो आपको भरा हुआ महसूस कराता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। अपने कार्बोहाइड्रेट को प्रोटीन के अच्छे स्रोत (जैसे दाल, मसूर या चिकन) और स्वस्थ वसा के साथ मिलाने से पाचन धीमा करने में मदद मिलेगी, जिससे ऊर्जा की कमी और ज्यादा खाने से बचा जा सकता है।
मिथक 2: सभी भारतीय भोजन वजन घटाने के लिए अस्वास्थ्यकर होते हैं
एक और आम धारणा यह है कि पारंपरिक भारतीय भोजन बहुत भारी, तैलीय और मसालेदार होता है और स्वस्थ वजन घटाने की योजना का हिस्सा नहीं बन पाता।
हकीकत: पारंपरिक भारतीय भोजन कई मायनों में एक स्वस्थ आहार का आदर्श आधार है। यह कई तरह की सब्जियों, फलियों और मसालों से भरपूर होता है। हल्दी, अदरक और मेथी जैसे मसालों में सूजन-रोधी और चयापचय संबंधी गुण पाए गए हैं। भारतीय भोजन को स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए सरसों के तेल या घी जैसे स्वास्थ्यवर्धक खाना पकाने के तेलों का संयम से उपयोग करें। भारतीय भोजन की पोषक तत्वों से भरपूर सामग्री को अपनाकर और खाना पकाने के तरीकों में बदलाव करके आप स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं जो आपके वजन घटाने में सहायक होगा।
मिथक 3: फैड डाइट से लोगों का वजन तेजी से कम होता है
कई भारतीय अमेरिकी तेजी से वजन कम करने की उम्मीद में फैड डाइट अपनाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये डाइट स्वस्थ शरीर पाने का एक शॉर्टकट है।
हकीकत: विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा कोई एक आहार नहीं है जो सभी के लिए कारगर हो। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्टीडफास्ट न्यूट्रिशन के संस्थापक अमन पुरी कहते हैं कि वजन घटाने वाले आहार ज्यादातर उन लोगों द्वारा जल्दबाजी में अपनाए जाते हैं जो बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के तेजी से वजन कम करना चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता। आपको यह समझने की जरूरत है कि कोई भी आहार सर्वश्रेष्ठ नहीं होता। हर व्यक्ति की अपने शरीर के प्रकार के अनुसार अलग-अलग जरूरतें होती हैं। लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार के साथ-साथ उचित शारीरिक गतिविधि और नींद लेने से स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है। जल्दी और तेजी से वजन घटाने वाले आहार के लिए हमेशा अपने शरीर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लें।
मिथक 4: वजन घटाने के लिए सिर्फ कार्डियो वर्कआउट पर ध्यान दें
यह भी एक आम धारणा है कि दौड़ना या साइकिल चलाना जैसे कार्डियो व्यायाम ही कैलोरी बर्न करने और वजन कम करने का एकमात्र प्रभावी तरीका हैं।
हकीकत: हालांकि कार्डियो आपके वर्कआउट के दौरान कैलोरी बर्न करता है, लेकिन यह पहेली का केवल एक हिस्सा है। फिटनेस विशेषज्ञ और इंटरमिटेंट फास्टिंग एंड माइंडफुल लिविंग की सह-संस्थापक नयाला कपाड़िया कहती हैं कि मैं मानती हूं कि कार्डियो वर्कआउट काफी कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं, लेकिन केवल आपके वर्कआउट के दौरान। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को शामिल करने से आपको वर्कआउट के दौरान और बाद में कैलोरी बर्न करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इससे आपका रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट (आराम से बर्न होने वाली कैलोरी) बढ़ता है और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बनी लीन मसल्स बनी रहती हैं। इसलिए, एक अच्छे वजन घटाने के प्लान के लिए आपको दोनों की जरूरत होती है।
मिथक 5: प्रोटीन सिर्फ बॉडीबिल्डरों के लिए है
कई लोग मानते हैं कि प्रोटीन सिर्फ बॉडीबिल्डरों और वजन बढ़ाने वालों के लिए ही फायदेमंद है।
हकीकत: प्रोटीन सिर्फ एथलीट या बॉडीबिल्डर ही नहीं, बल्कि सभी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। स्वास्थ्य और वजन घटाने के कोच जशन विज कहते हैं कि एक आम गलतफहमी यह है कि प्रोटीन सिर्फ उन लोगों को जरूरी है जो मांसपेशियां बढ़ाना चाहते हैं या बॉडीबिल्डर हैं और यही बात उन लोगों में भी आम है जो ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं करते। बीन्स, मेवे, डेयरी और लीन मीट सहित कई तरह के खाद्य पदार्थों से मिलने वाला पर्याप्त प्रोटीन, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्थिरता और सेहत को भी बेहतर बनाता है। अगर प्रोटीन को सिर्फ बॉडीबिल्डर के आहार पूरक के रूप में ही देखा जाए तो हर तबके के लोग मूड और समग्र स्वास्थ्य पर इसके गहरे प्रभावों से वंचित रह जाएगे। प्रोटीन सबके लिए आवश्यक है।
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