ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वत्सन रामन को विलास एसोसिएट अवार्ड

विलास एसोसिएट अवार्ड विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी में होने वाले नए और प्रभावशाली शोध कार्यों को सपोर्ट करने के लिए प्रदान किया जाता है।

वत्सन रामन यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन के बायोकैमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं। / courtesy image

यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन के बायोकैमिस्ट्री के प्रोफेसर वत्सन रामन को साल 2025-26 का विलास एसोसिएट चुना गया है। यह सम्मान उन शोधकर्ताओं को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण गुणवत्ता और महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर फॉर रिसर्च कार्यालय ने इस सम्मान की घोषणा करते हुए कहा कि प्रोफेसर रामन की रिसर्च ने सिस्टम और सिंथेटिक बायोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है।  

ये भी पढ़ें - भारत के दो युवा चमके, कॉमनवेल्थ यूथ अवार्ड्स 2025 के फाइनलिस्ट बने

विलास एसोसिएट अवार्ड विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी में होने वाले नए और प्रभावशाली शोध कार्यों को सपोर्ट करने के लिए प्रदान किया जाता है। इस अवॉर्ड के तहत दो वर्ष तक शोधकर्ताओं को 25 हजार डॉलर की ग्रांट और समर सैलरी सपोर्ट मिलता है। 

यह अवॉर्ड एक रिसर्चर को उनके पूरे करियर में केवल एक बार ही दिया जा सकता है। प्रोफेसर रामन ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें और उनकी टीम को साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए और बड़े मुद्दे उठाने और रिसर्च के दायरे को विस्तार देने के लिए प्रेरित करेगा।  

वत्सन रामन ने भारत के बड़ौदा यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री लेने के बाद मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मास्टर्स किया। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन सिएटल से पीएचडी की डिग्री हासिल की। फिर  फिर हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वायस इंस्टिट्यूट में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च पूरी की।

2015 में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन से जुड़ने के बाद से वह बायोमोलेक्युलर और सेलुलर सिस्टम पर रिसर्च कर रहे हैं जिसमें बायोकैमिस्ट्री, कंप्यूटेशन और इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाता है। उनकी रिसर्च का उद्देश्य विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई खोजों को आगे बढ़ाना है।  

इससे पहले भी भारतीय वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल होती रही हैं। हाल ही में सोसायटी फॉर एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी ने भारतीय वैज्ञानिक पल्लवी सिंह को सम्मानित करने की घोषणा की है। भारतीय वैज्ञानिकों की इन उपलब्धियों से यह साफ है कि वैश्विक शोध और विज्ञान में उनका योगदान लगातार बढ़ रहा है।

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video