अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) में वैश्विक स्वास्थ्य के सहायक प्रशासक अतुल गावंडे ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य मॉडल बहुत महत्वपूर्ण है। जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (JHSPH) के दीक्षांत समारोह में अपने मुख्य भाषण में उन्होंने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि थाईलैंड की कम्युनिटी हेल्थ सिस्टम में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वयंसेवक हर महीने लोगों के घरों में जाते हैं। उनकी देखभाल करते हैं। गावंडे ने इस प्रणाली की सफलता की तारीफ की। इसकी वजह ये है कि थाईलैंड में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा, यूनिवर्सल हेल्थकेयर सिस्टम है। घर के पास में छोटे-छोटे क्लीनिक भी हैं। इस मॉडल के कारण थाईलैंड में लोगों की औसत उम्र दस साल बढ़ गई है।
गावंडे ने बताया कि इन स्वयंसेवकों को महज 50 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है और उन्हें थोड़ा सा पैसा मिलता है। लेकिन वे देखभाल करने, लोगों की तकलीफ पहचानने और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए राजी करने में माहिर हैं। गावंडे ने सार्वजनिक स्वास्थ्य में देखभाल करने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि देखभाल करना आपकी पेशेवर जिम्मेदारी का सबसे जरूरी हिस्सा है। आप ये देखभाल समुदायों और शायद पूरे देश के स्केल पर करते हैं।
गावंडे ने ग्रेजुएट्स कहा कि आपने सीखा है कि किसी समुदाय की जरूरतों का पता कैसे लगाया जाता है। उसे जानकारी और क्षमता के बढ़ते हुए भंडार से कैसे जोड़ा जाता है। आपने सीखा है कि उनकी वास्तविकता को कैसे देखा जाए और उनकी सेवा कैसे की जाए। इस मुश्किल और जरूरी काम को करने के लिए बहुत सारी भूमिकाएं और जगहें हैं। आपका काम अब अपनी सही जगह ढूंढना है।
USAID में गावंडे 900 से अधिक कर्मचारियों वाले एक विभाग की देखरेख करते हैं, जो दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के तरीके निष्पक्ष तरीके से लागू करने का काम करते हैं। वे एक सर्जन, गैर-लाभकारी संस्था के संस्थापक और बेस्टसेलिंग लेखक भी हैं। इस समारोह में डीन एलेन जे. मैकेंजी ने अतुल गावंडे और कृष्णा एल्ला को डीन का पदक दिया। यह ब्लूमबर्ग स्कूल द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
कृष्णा एल्ला भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उन्होंने भारत स्थित इस कंपनी को सस्ती वैक्सीन विकसित करने और इस फील्ड में ग्लोबल लीडर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत बायोटेक ने दुनिया भर में अरबों वैक्सीन की खुराकें दी हैं, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई गई है, खासकर वंचित वर्ग से आने वाले बच्चों की।
कृष्णा एल्ला ने पशु चिकित्सा वैक्सीन, फूड प्रोसेसिंग और बायोटेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भी योगदान दिया है। यह कार्यक्रम जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के होमवुड फील्ड में आयोजित किया गया था। इसमें 2024 के छात्रों का सम्मान किया गया, जिसमें 66 देशों के 1,273 ग्रेजुएट शामिल हैं। इनमें 129 डॉक्टरेट और 1,156 मास्टर डिग्री हासिल करने वाले मेडिकल छात्र शामिल हैं।
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