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गुजरात के गिफ्ट सिटी में कैंपस स्थापित करेगा सैन डिएगो, इस यूनिवर्सिटी संग हुआ करार

समझौते के तहत, संस्थान B.Tech और M.Tech लेवल पर संयुक्त मास्टर कार्यक्रम और दोहरी डिग्री प्रदान करेंगे। सहयोग का उद्देश्य इनोवेशन और आन्ट्रप्रनर्शिप एक्टिविटी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। दोनों संस्थान संयुक्त सेमिनार, वर्कशॉप और सम्मेलन आयोजित करेंगे।

सैन डिएगो यूनिवर्सिटी और भारत स्थित आईआईटी, गांधीनगर ने एक मेमोरेंडम पर साइन किए हैं। / @educationtimes

सैन डिएगो यूनिवर्सिटी और भारत स्थित आईआईटी, गांधीनगर ने अकादमिक और अनुसंधान उद्देश्यों को लेकर एक दूसरे का सहयोग करने के लिए एक मेमोरेंडम पर साइन किए हैं। सैन डिएगो यूनिवर्सिटी के शिले-मार्कोस स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रोफेसर चेल ए रॉबर्ट्स के अनुसार, यूनिवर्सिटी गुजरात के गिफ्ट सिटी में एक ब्रांच कैंपस विकसित करने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।

समझौते के तहत, संस्थान B.Tech और M.Tech लेवल पर संयुक्त मास्टर कार्यक्रम और दोहरी डिग्री प्रदान करेंगे। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए रॉबर्ट्स ने कहा कि हम इंजीनियरिंग मैनेजमेंट और लीडरशिप (टेक एमबीए के समान) में मास्टर, साइबर सुरक्षा इंजीनियरिंग में स्नातक, अप्लाइड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर और अप्लाइड डेटा साइंस में मास्टर जैसे पाठ्यक्रम पेश करेंगे।

सहयोग का उद्देश्य इनोवेशन और आन्ट्रप्रनर्शिप एक्टिविटी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। दोनों संस्थान संयुक्त सेमिनार, वर्कशॉप और सम्मेलन आयोजित करेंगे। रॉबर्ट्स ने कहा कि इस साझेदारी से भारतीय छात्रों को लाभ होगा। उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली अमेरिकी शिक्षा प्राप्त होगी जो व्यावहारिक क्षमताओं पर केंद्रित होगी, जो अच्छे जॉब को हासिल करने में भारतीय छात्रों के लिए मददगार होगी।

उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि शिक्षा जीवन बदलती है और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाती है। हमारा मिशन मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान करना है और भारत में बहुत अच्छे देश मूल्य, एक उत्सुक आबादी, एक सहायक सरकार और सीखने की इच्छा रखने वाले संभावित छात्रों की बढ़ती आबादी है, जो दुनिया के सबसे अच्छे स्थानों में से एक है।

उन्होंने बताया कि आईआईटी-गांधीनगर के अलावा सैन डिएगो विश्वविद्यालय ने वैश्विक शैक्षणिक सहयोग को बढ़ाने के लिए औरो विश्वविद्यालय, सूरत के साथ भी सहयोग किया है। इस रणनीतिक साझेदारी में अकादमिक कार्यक्रम, अनुसंधान पहल, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण सहित तमाम शैक्षणिक गतिविधियां शामिल हैं।

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